- पिछले 10 वर्षों से उद्योगपतियों की जो मांगें लंबित थीं, उन्हें अब हमारी सरकार जल्द ही पूरा करेगी
- कंसेसियनार सड़क, लाइटिंग, पार्क, कचरा प्रबंधन, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण जैसे सभी जरूरी कार्यों की जिम्मेदारी लेगा।
- DSIIDC के अधीन सभी इंडस्ट्रियल एरिया का इसी तरह पुनर्विकास अगले एक साल में किया जाएगा।
नई दिल्ली, 7 जून 2025 । दिल्ली सरकार ने भोरगढ़ इंडस्ट्रियल एरिया (बवाना फेज़-2) के पुनर्विकास और प्रबंधन के लिए एक कंसेशनेयर नियुक्त करने का फैसला लिया है। इसके साथ ही 9 अन्य इंडस्ट्रियल एरिया के लिए PMU (Project Management Unit) भी नियुक्त किया जाएगा जो RFP तैयार कर कंसेशनेयर को जोड़ेगा। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में लिया गया है।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि भोरगढ़ को अब एक साफ, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त मॉडल इंडस्ट्रियल ज़ोन के रूप में बदला जाएगा, नरेला – बवाना के PPP मॉडल के बाद अब भोरगढ़ और बाकी 10 इंडस्ट्रियल क्षेत्रों का विकास किया जायेगा।”
PPP मॉडल के ज़रिए पहले से बवाना और नरेला जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम हुआ है। अब वही पैटर्न बाकी इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में लागू होंगे जिससे औद्योगिक इलाकों की दशा और दिशा बदलेगी।
मंत्री ने बताया, “कंसेशनेयर की जिम्मेदारी केवल निर्माण तक सीमित नहीं होगी, बल्कि सड़क, ड्रेनेज, स्ट्रीट लाइटिंग, पार्क, वेस्ट मैनेजमेंट, सुरक्षा और प्रदूषण नियंत्रण जैसे सभी पहलुओं पर काम किया जाएगा। हमारा उद्देश्य है कि दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया वर्ल्ड-क्लास बनें।”
कंसेशनेयर की मुख्य जिम्मेदारियां होंगी:
– सड़क निर्माण और रखरखाव:- गड्ढामुक्त, मजबूत सड़कों का निर्माण और समय पर मरम्मत
– स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज:- जलभराव और बाढ़ से बचाव के लिए समुचित ड्रेनेज सिस्टम
– स्मार्ट लाइटिंग:- आधुनिक और ऊर्जा कुशल स्ट्रीट लाइटिंग
– हरा-भरा वातावरण:- हरियाली वाले पार्क, बैठने की जगह, वॉकिंग ट्रैक
– कचरा प्रबंधन:- घर-घर से कचरा संग्रहण, वर्गीकरण और मशीनों से सफाई
– वायु गुणवत्ता सुधार:- एंटी-स्मॉग गन, वाटर स्प्रिंकलर और रोड स्वीपिंग मशीनों का उपयोग
– सुरक्षा:- CCTV निगरानी, गेट, बाउंड्री वॉल और खाली प्लॉट्स की देखरेख
– प्रदूषण नियंत्रण:- REPS जैसी व्यवस्था का सुचारु संचालन
PMU नियुक्ति की स्थिति:- PMU के लिए टेंडर इन 10 क्षेत्रों में हो चुका है:
1. ओखला इंडस्ट्रियल एरिया फेज़-III
2. पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया
3. FIEE A ब्लॉक, ओखला फेज़-II
4. FIEE S ब्लॉक, ओखला फेज़-II
5. बाड़ली इंडस्ट्रियल एरिया
6. DSIIDC शेड्स नांगलोई
7. लेदर गुड्स FFC, वज़ीरपुर
8. FFC रानी झांसी रोड
9. FFC ओखला
10. FFC झिलमिल
भोरगढ़ के लिए PMU पहले से नियुक्त है।
इसके साथ ही 2025–26 में DSIIDC द्वारा कुल 85,000 पौधे लगाए जाएंगे—25,000 पेड़, 50,000 श्रब और 10,000 बांस—ताकि इंडस्ट्रियल ज़ोन और पर्यावरण दोनों का संतुलित विकास हो सके।
यह पहल दिल्ली सरकार की पारदर्शी और विकास के लिए सदैव प्रयासरत, पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता और औद्योगिक हितों के संरक्षण की दिशा में एक और ठोस कदम है।