- एनडीएमसी क्षेत्र में लगे वाटर एटीएमो का निरीक्षण किया
- जनसुविधा हेतु परिषद द्वारा लगाए गए 37 वाटर एटीएम संचालित पाए गए
नई दिल्ली, 15 मई 2025 । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन और विकसित भारत@2047 दृष्टिकोण के अनुरूप, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने एनडीएमसी क्षेत्र में लगाए गए वाटर एटीएम का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान, चहल ने इन वाटर एटीएम की कार्यप्रणाली की समीक्षा की और उनकी सुचारु स्थिति पर संतोष व्यक्त किया, विशेष रूप से इस तीव्र गर्मी के मौसम में जब दिल्ली आने वाले हजारों पर्यटकों के लिए स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है।
औचक निरीक्षण के महत्व पर बल देते हुए कुलजीत चहल ने कहा कि इस प्रकार के निरीक्षण न केवल सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं, बल्कि कर्मचारियों को प्रोत्साहित भी करते हैं, जिससे एनडीएमसी की समग्र कार्यक्षमता और विकास में योगदान मिलता है।
चहल ने बताया कि एनडीएमसी ने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत वर्ष 2018 और 2019 में वाटर एटीएम परियोजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षित, सुलभ और किफायती पेयजल उपलब्ध कराना है। यह परियोजना पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित थी जो सात वर्षों की अवधि के लिए वाटर एटीएम की डिज़ाइनिंग, वित्तपोषण, स्थापना, संचालन और रखरखाव हेतु थी। इस परियोजना की एक विशेष बात यह है कि यह पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी है—नागरिक अपने स्वयं के बर्तन में या 300 मि.ली. के पर्यावरण अनुकूल कागज़ के कप में मात्र 1 रूपए में पानी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे एकल-उपयोग प्लास्टिक बोतलों की आवश्यकता कम होती है। यह पहल न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुविधा को बढ़ावा देती है, बल्कि स्मार्ट सिटी ढांचे के अंतर्गत शहरी अवसंरचना और सतत विकास के प्रति एनडीएमसी की प्रतिबद्धता को भी सुदृढ़ करती है ।
एनडीएमसी ने अपने क्षेत्राधिकार में कुल 37 वाटर एटीएम स्थापित किए हैं। इनमें से 34 एटीएम पूरी तरह कार्यरत पाए गए, जबकि 3 एटीएम में मामूली गैर-तकनीकी कारणों से अस्थायी रूप से सेवा बाधित पाई गई। श्री चहल ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि इन समस्याओं को शीघ्र दूर कर सेवा को पुनः बहाल किया जाए। श्री चहल ने जानकारी दी की 37 वाटर एटीएम में से 7 वाटर एटीएम निशुल्क हैं जो ज्यादतर पार्को में लगाए गए हैं और अन्य 30 वाटर एटीएम 1 रूपए में 300 मि.ली. पानी देते हैं ।
उन्होंने एनडीएमसी जल आपूर्ति विभाग की भी सराहना की, जो अब इन वाटर एटीएम का इन-हाउस संचालन और रखरखाव कर रहा है। “पहले ये एटीएम उस एजेंसी द्वारा देखरेख में थे जिसने इन्हें स्थापित किया था, लेकिन AMC (वार्षिक रखरखाव अनुबंध) की अवधि समाप्त होने के बाद अब जल आपूर्ति विभाग ने इनका संचालन अपने स्तर पर सफलतापूर्वक संभाल लिया है,”
चहल ने यह भी कहा कि इस प्रकार की सुविधाओं का नियमित रखरखाव और समय पर हस्तक्षेप न केवल एनडीएमसी की स्वच्छता रैंकिंग को आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर बनाएगा, बल्कि यह विकसित भारत@2047 की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि वर्ष 2047 तक भारत एक विकसित राष्ट्र बने—जहाँ बुनियादी सुविधाएं सभी नागरिकों को सहज रूप से उपलब्ध हों, और शहरी सेवाएं स्वच्छ, सुलभ व सतत हों। एनडीएमसी का यह प्रयास इसी राष्ट्रीय दृष्टिकोण को स्थानीय स्तर पर साकार करने की दिशा में एक सशक्त पहल है।