- नारी सशक्तिकरण के लिए मनाए सीता नवमी महोत्सव
नई दिल्ली । 3 मई 25 । भारतीय संस्कृति व रामायण शोध कार्य में समर्पित अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विख्यात कथाकार अजय भाई ने कहा कि भारत राष्ट्र एक आध्यात्मपूर्ण धर्म युक्त संस्कृति संपन्न राष्ट्र है यहां के इष्ट देवी,देवताओं,महापुरुषों को समर्पित विशेष तिथियां तथा ऋतु अनुसार पर्व,त्यौहार, उत्सव इसकी संस्कृति को सदा अविचल रखते हैं परंतु समय की धारा के बहाव में हमसे कुछ छूट भी जाता है ऐसा ही एक छूटता विलुप्त होता विशेष पर्व है सीता नवमी महोत्सव हम सब मानते हैं भारत के परमात्मा हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और भगवान श्री राम की आत्मा है भगवती माता सीता जहां श्री राम नरो में पुरुषोत्तम है वही माता सीता नारियों में सर्वोत्तम है वर्ष भर भगवान श्री राम को समर्पित अनेक त्यौहार पर्व करते हैं वहीं सीता नवमी एक विलुप्त होता हुआ त्यौहार है मुख्यता यह , मिथिलांचल,नेपाल,बिहार इत्यादि व कुछ प्रमुख संस्थाओं द्वारा ही मनाया जाता है वास्तव में जगत जननी माता सीता आदर्श नारी की प्रकाष्ठा है वास्तव में यह पर्व नारी सशक्तिकरण की दृष्टि से संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाना चाहिए एक आदर्श बेटी,पत्नी,मां,महारानी के रूप में सीता जी का चरित्र प्रेरणादायी है जो आज की नारी शक्ति के लिए मार्गदर्शक है की किस प्रकार विषम परिस्थितियों में भी संयम से रहकर हम हम स्वयं को उत्कृष्ट साबित कर सकते हैं रामनवमी के ठीक एक महीने बाद वैशाख शुक्ल नवमी को सीता नवमी का यह पर्व आता इसी संदर्भ में उन्होंने भारत सरकार से मांग की है, कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस भारतीय नारी दिवस के रूप में स्थापित होना चाहिए यह विकास से विरासत की ओर अच्छा कदम होगा।
अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ वेद टंडन ने कहा की सीता नवमी महोत्सव हम सभी को वर्तमान में आदर्श नारीवाद की स्थापना के लिए आवश्य मानना चाहिए यह समय की आवश्यकता है साथ ही इस विषय को लेकर सीता जी की जन्मभूमि नेपाल, कर्मभूमि अयोध्या तपोंभूमि श्रीलंका में भी संस्था के द्वारा विशेष आयोजन किया जा रहे हैं रामायण न केवल हमारा एक अध्यात्मिक विषय है बल्कि यह विभिन्न देशों की संस्कृति भी है जिससे भारत का पड़ोसी देशों से रिश्ता और मजबूत होता है।
उन्होंने कहा कि सीता माता के चरित्र से प्रेरित होकर नारी शक्ति करण का कार्य पूरे देश में निरंतर किया जाएगा इस श्रृंखला में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कार्य करने वाली नारी शक्ति को सम्मानित करने की भी योजना है तथा राष्ट्र मंदिर में स्त्री दिवसीय सीता नवमी महोत्सव के अंतर्गत देश-विदेश से विशेष लोगों के आने की संभावना है।
इस अवसर पर राजेश अग्रवाल,संजय राणा, मुकेश गुप्ता हंसराज रहलन,ईक्रांत शर्मा, संतोष जैन सहित
विशेष व्यक्तिव उपस्थित रहे।
नारी सशक्तिकरण के लिए मनाए सीता नवमी महोत्सव
भारतीय संस्कृति व रामायण शोध कार्य में समर्पित अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विख्यात कथाकार श्री अजय भाई जी ने कहा कि भारत राष्ट्र एक आध्यात्मपूर्ण धर्म युक्त संस्कृति संपन्न राष्ट्र है यहां के इष्ट देवी,देवताओं,महापुरुषों को समर्पित विशेष तिथियां तथा ऋतु अनुसार पर्व,त्यौहार, उत्सव इसकी संस्कृति को सदा अविचल रखते हैं परंतु समय की धारा के बहाव में हमसे कुछ छूट भी जाता है ऐसा ही एक छूटता विलुप्त होता विशेष पर्व है सीता नवमी महोत्सव हम सब मानते हैं भारत के परमात्मा हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और भगवान श्री राम की आत्मा है भगवती माता सीता जहां श्री राम नरो में पुरुषोत्तम है वही माता सीता नारियों में सर्वोत्तम है वर्ष भर भगवान श्री राम को समर्पित अनेक त्यौहार पर्व करते हैं वहीं सीता नवमी एक विलुप्त होता हुआ त्यौहार है मुख्यता यह , मिथिलांचल,नेपाल,बिहार इत्यादि व कुछ प्रमुख संस्थाओं द्वारा ही मनाया जाता है वास्तव में जगत जननी माता सीता आदर्श नारी की प्रकाष्ठा है वास्तव में यह पर्व नारी सशक्तिकरण की दृष्टि से संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाना चाहिए एक आदर्श बेटी,पत्नी,मां,महारानी के रूप में सीता जी का चरित्र प्रेरणादायी है जो आज की नारी शक्ति के लिए मार्गदर्शक है की किस प्रकार विषम परिस्थितियों में भी संयम से रहकर हम हम स्वयं को उत्कृष्ट साबित कर सकते हैं रामनवमी के ठीक एक महीने बाद वैशाख शुक्ल नवमी को सीता नवमी का यह पर्व आता इसी संदर्भ में उन्होंने भारत सरकार से मांग की है, कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म दिवस भारतीय नारी दिवस के रूप में स्थापित होना चाहिए यह विकास से विरासत की ओर अच्छा कदम होगा।
अंतर्राष्ट्रीय रामलीला महोत्सव समिति के अध्यक्ष डॉ वेद टंडन ने कहा की सीता नवमी महोत्सव हम सभी को वर्तमान में आदर्श नारीवाद की स्थापना के लिए आवश्य मानना चाहिए यह समय की आवश्यकता है साथ ही इस विषय को लेकर सीता जी की जन्मभूमि नेपाल, कर्मभूमि अयोध्या तपोंभूमि श्रीलंका में भी संस्था के द्वारा विशेष आयोजन किया जा रहे हैं रामायण न केवल हमारा एक अध्यात्मिक विषय है बल्कि यह विभिन्न देशों की संस्कृति भी है जिससे भारत का पड़ोसी देशों से रिश्ता और मजबूत होता है।
उन्होंने कहा कि सीता माता के चरित्र से प्रेरित होकर नारी शक्ति करण का कार्य पूरे देश में निरंतर किया जाएगा इस श्रृंखला में विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कार्य करने वाली नारी शक्ति को सम्मानित करने की भी योजना है तथा राष्ट्र मंदिर में स्त्री दिवसीय सीता नवमी महोत्सव के अंतर्गत देश-विदेश से विशेष लोगों के आने की संभावना है।
इस अवसर पर राजेश अग्रवाल,संजय राणा, मुकेश गुप्ता हंसराज रहलन,ईक्रांत शर्मा, संतोष जैन सहित
विशेष व्यक्तिव उपस्थित रहे।