नई दिल्ली, 1 मई: नए वक्फ कानून के विरोध में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) बुधवार को ‘लाइट बंद करो’ अभियान के तहत प्रदर्शन किया। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी समेत देशभर के मुस्लिम नेताओं ने रात 9 बजे से 9:15 बजे तक घर-दुकान और ऑफिस में लाइट ऑफ करके विरोध जताया।
AIMPLB ने कहा- वक्फ कानून अन्यायपूर्ण, अलोकतांत्रिक और इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है। यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों और धार्मिक संपत्तियों में सरकार की दखलअंदाजी को बढ़ावा देगा। यह सिर्फ एक समुदाय का नहीं बल्कि पूरे राष्ट्र का मुद्दा है। सरकार जब तक कानून को वापस नहीं लेती, शांतिपूर्ण विरोध जारी रहेगा।
AIMPLB के ‘वक्फ बचाव अभियान’ का पहला फेज 11 अप्रैल से शुरू हुआ, जो 7 जुलाई यानी 87 दिन तक चलेगा। इसमें वक्फ कानून के विरोध में 1 करोड़ हस्ताक्षर कराए जाएंगे, जो PM मोदी को भेजे जाएंगे। इसके बाद अगले फेज की रणनीति तय की जाएगी।
8 दिन पहले दिल्ली में हुआ था प्रदर्शन इससे पहले 22 अप्रैल को AIMPLB ने दिल्ली में प्रदर्शन किया था। ‘वक्फ बचाव अभियान’ के तहत तालकटोरा स्टेडियम में ‘तहफ्फुज-ए-औकाफ कारवां’ (वक्फ की हिफाजत) नाम से आयोजन हुआ।
कार्यक्रम में जमात-ए-इस्लामी हिंद समेत देशभर के मुस्लिम संगठनों के अध्यक्ष और प्रतिनिधि पहुंचे हैं। IMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हुए हैं। बैठक में वक्फ कानून के खिलाफ आगे की कानून लड़ाई लड़ने को लेकर चर्चा हुई।
वक्फ कानून को लेकर AIMPLB की आपत्तियां
- वक्फ संपत्तियों पर कब्जा: बोर्ड का दावा है कि विधेयक वक्फ संपत्तियों को सरकार या व्यक्तियों के लिए हड़पना आसान बनाएगा।
- स्वायत्तता में कमी: नए कानून में गैर-मुस्लिम सदस्यों को वक्फ बोर्ड में शामिल करने और जिला कलेक्टरों को संपत्तियों का मूल्यांकन करने का अधिकार देने का विरोध।
- धार्मिक स्वतंत्रता का हनन: AIMPLB का कहना है कि यह विधेयक संविधान के तहत धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है, क्योंकि यह हिंदू और सिख धार्मिक संस्थानों के साथ समान व्यवहार नहीं करता।
- अनुचित हस्तक्षेप: बोर्ड का मानना है कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करना और सरकारी नियंत्रण बढ़ाना स्वीकार्य नहीं है।
AIMPLB महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्दिदी ने वीडियो मैसेज जारी किया। वीडियो में मुजद्दिदी ने सरकार पर सांप्रदायिक एजेंडा चलाने और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने वीडियो में कहा- यह अभियान वक्फ संपत्तियों की रक्षा और विधेयक को निरस्त करने की मांग को लेकर चलाया जा रहा है। AIMPLB का मानना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों की प्रकृति और स्वायत्तता को नुकसान पहुंचाएगा, जिसे वे इस्लामी मूल्यों, शरीयत, धार्मिक स्वतंत्रता और भारतीय संविधान के खिलाफ मानते हैं।
बोर्ड के मुताबिक आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक विधेयक पूरी तरह निरस्त नहीं हो जाता। इसे ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ अभियान का नाम दिया गया है, क्योंकि बोर्ड इसे संवैधानिक अधिकारों से जोड़ता है।