दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया राजधानी के प्रमुख नालों की सफाई कार्य का निरीक्षण किया

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  • उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने नालों की सफाई अभियान का बारीकी से लिया जायजा
  • यमुना नदी में गिरने वाले सभी बड़े 22 नालों का आधुनिक मशीनों द्वारा डिसिल्टिंग का काम तेज़ी से चल रहा है – रेखा गुप्ता

नई दिल्ली, 10 अप्रैल, 2025 । दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना , मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आज राजधानी के प्रमुख नालों का संयुक्त निरीक्षण किया। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के प्रमुख नालों की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करना, जलभराव के कारणों की पहचान करना और मानसून से पहले नालो की सफाई और मरम्मत कार्यों को सुनिश्चित करना रहा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि यमुना की सफाई को लेकर सरकार ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। मानसून पूर्व तैयारियों के तहत आज दिल्ली के प्रमुख नालों का निरीक्षण किया गया ताकि सफाई और जलनिकासी व्यवस्था को समय रहते दुरुस्त किया जा सके। उन्होंने बताया कि यमुना में गिरने वाले सभी 22 बड़े नालों की डिसिल्टिंग का कार्य अत्याधुनिक मशीनों द्वारा तीव्र गति से किया जा रहा है। इसके साथ ही, यमुना सफाई अभियान के अंतर्गत हर 15 दिन में इन नालों का नियमित निरीक्षण भी किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, एनडीएमसी, परिवहन विभाग, दिल्ली जल बोर्ड, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग सहित सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

निरीक्षण के बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बताया कि दिल्ली में जलभराव की समस्या केवल बारिश के मौसम तक ही सीमित नहीं रह गई है, यह शहर की बुनियादी संरचना और जनजीवन को प्रभावित करने वाला एक गंभीर विषय है। आज विभिन्न विभागों के साथ मिलकर किया गया राजधानी के नालों के संयुक्त निरीक्षण का उद्देश्य केवल समस्याओं की पहचान करना नहीं है, बल्कि समयबद्ध, समन्वित और स्थायी समाधान सुनिश्चित करना भी है। आज सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियो को ड्रेनों की मरम्मत और साफ-सफाई के लिए आपसी सहयोग और पारदर्शिता के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि दिल्लीवासियों को एक स्वच्छ, सुरक्षित और जलभराव-मुक्त वातावरण उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने आगे बताया कि यह केवल इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि जनसुविधा और जीवन-गुणवत्ता का भी विषय है, जिसे सरकार सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ पूरा कर रही हैं।

इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री ने प्रेस को सम्बोधित करते हुए बताया कि दिल्ली सरकार के द्वारा यमुना की सफाई को लेकर गंभीर और ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। आज हमने दिल्ली के कई बड़े नालों का निरीक्षण किया—जिनमें वज़ीराबाद का सप्लीमेंट्री ड्रेन, बारापुला ड्रेन, सुनेहरी पुल ड्रेन, कुशक ड्रेन, नजफगढ़ ड्रेन जैसे प्रमुख नालों का दौरा किया गया | ये सभी वे बड़े नाले हैं जो सीधे यमुना नदी में गिरते हैं और दशकों से उपेक्षित रहे हैं। इसी के तहत दिल्ली के 22 बड़े नालों की डी-सिल्टिंग का कार्य दिल्ली सरकार द्वारा पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ किया जा रहा है। यह कार्य केवल एक तकनीकी प्रक्रिया नहीं, बल्कि यमुना की सफाई और उसके पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने का भी एक व्यापक प्रयास है। हर 15 दिन में इन नालों का निरीक्षण किया जा रहा है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सफाई कार्य समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त हो। पिछले निरीक्षण की तुलना में आज जो प्रगति दिखी, वह वास्तव में सराहनीय है — तेज़ गति से आधुनिक मशीनें कार्यरत हैं, जो डी-सिल्टिंग और नालों से गाद निकलने का कार्य कर रही है। सरकार का उद्देश्य है कि नालों का पानी अपने प्राकृतिक प्रवाह में जाए, अवरोध मुक्त हो और जब वह यमुना में मिले तो प्रदूषण मुक्त हो, जिससे यमुना फिर से अपने स्वच्छ स्वरूप में लौटे। आज निरीक्षण के दौरान सभी सम्बंधित विभागों के अधिकारियो को नालों की समयबद्ध सफाई और डी-सिल्टिंग कार्य की प्रगति को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए है।

उन्होंने आगे बताया कि पिछली सरकार ने कभी इन नालों के जमीनी हालात को देखने की ज़रूरत नहीं समझी। वे एसी कमरों में बैठकर निर्णय लेते रहे, लेकिन हमारी सरकार ने यह तय किया है कि यमुना की सफाई के लिए खुद ग्राउंड लेवल पर आकर, नालों के किनारे खड़े होकर कार्य की निगरानी करेंगे। मैं उपराज्यपाल महोदय का विशेष धन्यवाद करती हूँ जिन्होंने इस परियोजना को निरंतर आगे बढ़ाया और आज भी इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं। हम सभी एक टीम के रूप में दिल्लीवासियों के लिए काम कर रहे हैं, ताकि आने वाले मौसम में किसी भी प्रकार की जलभराव या प्रदूषण की समस्या न हो और दिल्ली एक स्वच्छ, स्वस्थ और सुरक्षित शहर के रूप में आगे बढ़े।
उन्होंने आगे बताया कि दिल्ली जैसे गतिशील शहर में जलभराव की समस्या न केवल आमजन की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है, बल्कि शहर की मूलभूत संरचना पर भी गहरा असर डालती है। आज का यह निरीक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारी सरकार की उस प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसके तहत हम दिल्ली को जलभराव मुक्त, स्वच्छ और सुनियोजित राजधानी के रूप में विकसित करना चाहते हैं। दिल्ली के नालों की सफाई और मरम्मत सिर्फ बरसात के समय की तैयारी नहीं, बल्कि दिल्ली के नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। दिल्ली सरकार का यह संयुक्त निरीक्षण अभियान राजधानी में हर वर्ष आने वाली मानसून संबंधी चुनौतियों से समय रहते निपटने और नागरिकों को राहत देने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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