- संकल्प से सिद्धि तक कार्यक्रम मे कहा -हम नाम नहीं काम करने वाली सरकार है
नई दिल्ली । 8 जून 2025 । दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता “मोदी सरकार के 11 वर्ष, संकल्प से सिद्धि तक” के अवसर पर जनकपुरी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित “विश्वास के 100 दिन” कार्यक्रम के तहत एक भव्य जनसभा में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। कार्यक्रम का नेतृत्व जनकपुरी के विधायक और दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने किया, जबकि सांसद कमलजीत शहरावत भी विशेष रूप से इस अवसर पर उपस्थित रहीं। जनसभा में स्थानीय नागरिकों ने भी इस यात्रा में बढ़-चढ़कर भाग लिया और सरकार के साथ विकसित दिल्ली के संकल्प को दोहराया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते 100 दिनों में उनकी सरकार ने सिर्फ वादे नहीं किए, बल्कि धरातल पर काम कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि यह संकल्प माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है —“संकल्प से सिद्धि”, और दिल्ली सरकार उसी भावना से जनता की सेवा में निरंतर जुटी है। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रीय विधायक आशीष सूद की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि वह 24 घंटे में से 18 घंटे जनता की सेवा में समर्पित रहते हैं। उन्होंने जनसभा में उपस्थित जनता से अपील की कि वह जनप्रतिनिधियों का साथ दें, क्योंकि अब दिल्ली में केंद्र, राज्य और नगर निगम—तीनों सरकारें एक साथ काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब “यह काम मेरा है या तेरा है” की राजनीति नहीं चलेगी, बल्कि अब यह काम “हमारा” है की भावना से काम होगा। पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि उस समय प्रचार बहुत होता था, काम बहुत कम।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सरकार के 100 दिनों की उपलब्धियों को रेखांकित किया और पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यशैली पर तीखा प्रहार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार “नाम की नहीं, काम की सरकार” है, जो प्रचार नहीं, सेवा में विश्वास रखती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सरकार की प्रमुख योजनाओं और प्राथमिकताओं को साझा किया। मुख्यमंत्री ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर 1000 वाटर स्प्रिंकलर शुरू करने, और यमुना में गिरने वाले नालों से 20 लाख मीट्रिक टन गाद निकालने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने ऑड-ईवन जैसे फैसलों को “सिर्फ प्रचार का माध्यम” बताया और कहा कि हमारी सरकार ने वास्तविक समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए हर ऊँची इमारत की छत पर एंटी-स्मॉग गन लगाए जा चुके हैं और जल्द ही दिल्ली में पहली बार क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) की शुरुआत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बड़ी योजनाओं की बजाय नाली, सीवर, गड्ढा मुक्त सड़कें और पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी है, क्योंकि जनता की असली ज़रूरतें यही हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के लिए ₹10 लाख तक मुफ्त इलाज की योजना लागू की है। साथ ही झुग्गी बस्तियों के लिए ₹700 करोड़ का अलग बजट तय किया गया है, जिसमें नाली, शौचालय, स्नानघर और खड़ंजा जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि जब तक पक्के मकान नहीं दिए जाते, तब तक कोई झुग्गी हटाई नहीं जाएगी । उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने प्रचार पर करोड़ों खर्च किए, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं किया, जबकि मौजूदा सरकार “मेवा नहीं, सेवा” की नीति पर चल रही है। विधायक आशीष सूद की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें एक समर्पित जनसेवक बताया और कहा कि जनकपुरी को दिल्ली की 70 विधानसभाओं में सबसे ऊपर लाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मेहनत और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दिल्ली बदलेगी, विकसित होगी और देश के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएगी।उन्होंने कहा कि यह सरकार कोई “मुख्यमंत्री” या “मंत्री” नहीं, बल्कि दिल्ली की जनता की सेवक है और हर दिन, हर निर्णय इसी भावना से लिया जा रहा है।
जनसभा को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री आशीष सूद ने कहा कि आज जनकपुरी की धरती पर ‘संकल्प से सिद्धि’ के 11 वर्षों और ‘विश्वास के 100 दिन’ का पर्व मना रहे हैं। यह न सिर्फ उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि भविष्य के लिए एक नई ऊर्जा का संकल्प भी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी सरकार ने 100 दिन में ही यह दिखा दिया है कि जनभावनाओं का सम्मान और धरातल पर काम कैसे किया जाता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता वर्षों से जिन मूलभूत सुविधाओं की मांग कर रही थी—जैसे साफ पानी, गड्ढा मुक्त सड़कें, बेहतर सीवर लाइनें और सुरक्षित स्वास्थ्य सेवाएं—वो अब जनकपुरी सहित पूरे दिल्ली में हकीकत बन रही हैं। हमारी सरकार ने सिर्फ घोषणाएं नहीं कीं, हमने प्राथमिकता तय की, योजनाएं बनाई, बजट तय किया और काम शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली सरकार अब सेवा का पर्याय बन चुकी है।