दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट का 9वां टेस्ट कल

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  नई दिल्ली 27 मई – दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 9वां टेस्ट भारतीय समय के अनुसार कल यानी, 28 मई को सुबह 5 बजे होगा। रॉकेट की लॉन्चिंग टैक्सास के बोका चिका से की जाएगी। इस टेस्ट में पहली बार 7वें टेस्ट में इस्तेमाल किए गए बूस्टर का दोबारा उपयोग होगा। इससे पहले 8वें टेस्ट में शिप आसमान में ही ब्लास्ट हो गई थी।

दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट (ऊपरी हिस्सा) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला हिस्सा) को कलेक्टिवली ‘स्टारशिप’ कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम होगा।

इस टेस्ट में लॉन्च इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा के लिए बूस्टर को वापस लॉन्चपैड पर नहीं लाया जाएगा। बूस्टर की गल्फ ऑफ अमेरिका में हार्ड लैंडिंग कराई जाएगी। पूरा टेस्ट 1.06 घंटे का होगा।

मिशन का उद्देश्य: कमियों को दूर करना और जरूरी एक्सपेरिमेंट

  • स्टारशिप के ऊपरी हिस्से की इंडियन ओशन कंट्रोल्ड वॉटर-लैंडिंग कराई जाएगी। पिछली दो उड़ानों में ये हिस्सा वायुमंडल में प्रवेश के दौरान नष्ट हो गया था। पेलोड डिप्लॉयमेंट को कोशिश भी होगी। इसके अलावा मल्टीपल रीएंट्री एक्सपेरिमेंट होंगे, जिसमें अंतरिक्ष में रहते हुए एक रैप्टर इंजन को चालू करना भी शामिल है। ये एक्सपेरिमेंट स्टारशिप को भविष्य में लॉन्चपैड पर वापस लाने के लिए तैयार करेगा।
  • स्टेज सेपरेशन के बाद, बूस्टर अपने बूस्टबैक बर्न को शुरू करने से पहले एक कंट्रोल्ड डायरेक्शन में फ़्लिप करेगा। इससे प्रोपलेंट बचेगा जिसका इस्तेमाल ज्यादा पेलोड को स्पेस में पहुंचाने के लिए किया जा सकेगा। इससे पहले जो बूस्टर फ्लिप रैंडम होते थे वो रेंडमाइज्ड डायरेक्शन में होते थे।
  • बूस्टबैक बर्न के पूरा होने के बाद, बूस्टर नीचे आने के दौरान हायर एंगल ऑफ अटैक पर उड़ान भरने का प्रयास करेगा। एंगल ऑफ अटैक वह कोण है जो हवा के रुख और किसी विमान या रॉकेट की बॉडी (चॉर्ड लाइन) के बीच बनता है। हायर एंगल ऑफ अटैक से ड्रैग बढ़ेगा और बूस्टर की स्पीड कम होगी। इससे प्रोपलेंट की बचत होगी।
  • बूस्टर के लैंडिंग बर्न के दौरान एक खास इंजन कॉन्फिगरेशन का प्रदर्शन होगा। लैंडिंग के अंतिम चरण में तीन सेंटर इंजनों में से एक को जानबूझकर बंद किया जाएगा ताकि यह जांचा जा सके कि मिडिल रिंग का बैकअप इंजन लैंडिंग को पूरा कर सकता है या नहीं। इसके बाद बूस्टर केवल दो सेंटर इंजनों पर स्विच करेगा और लैंडिंग बर्न के अंत में, जब बूस्टर अमेरिका की खाड़ी के ऊपर होगा, इंजन बंद हो जाएंगे। इसके बाद बूस्टर की पानी में हार्ड लैंडिंग होगी।

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