नई दिल्ली,। 13 जून। 2025 । आईपी यूनिवर्सिटी के विभिन्न प्रोग्राम में दाख़िले के लिए अब अनाथ बच्चे का कोटा भी होगा।
यूनिवर्सिटी द्वारा पिछले साल शुरू किए गए “एकल बालिका कोटा”की तर्ज पर दोनों कैंपस में चल रहे सभी यूनिवर्सिटी स्कूल के समस्त यूजी और पीजी प्रोग्राम में एक अतिरिक्त सीट इस कोटे से भरी जाएंगी।
यूनिवर्सिटी के साठवें अकादमिक परिषद की बैठक में इस कोटे को अकादमिक सत्र 2025-26 से शुरू करने का फैसला ले लिया गया है।
इस कोटे से दाख़िले लेने वाले छात्र की पूरी फीस माफ़ कर दी जाएगी।इसके लिए छात्र को यूनिवर्सिटी द्वारा चलाई जा रही वित्तीय सहायता योजना “ईडब्लूएस स्कीम” में सौ फीसदी फीस छूट के लिए आवेदन करना होगा।
इस स्कीम के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा येसे छात्रों के लिए चलाई जा जा रही विभिन्न बित्तीय सहायता योजनाओं का लाभ भी इन छात्रों को मिले इसके लिए भी यूनिवर्सिटी पूरी कोशिश करेगी।
इस जनकल्याणकारी कोटा को शुरू करने के मकसद पर प्रकाश डालते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो.(डॉ.) महेश वर्मा ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद येसे अनाथ बच्चों की संख्या बढ़ी है।यूनिवर्सिटी का काम शिक्षा प्रदान करने के साथ जनसरोकार के काम भी करना है।हम नहीं चाहते कि येसे बच्चे फीस की वजह से उच्च शिक्षा से महरूम रह जाएँ।
दाख़िले में इस कोटे को शुरू करने वाली आईपी यूनिवर्सिटी देश की शायद पहली यूनिवर्सिटी होगी।
इस कोटे के बारे में विस्तृत विवरण जल्द ही यूनिवर्सिटी की दोनों वेबसाइट www.ipu.ac.in और www.ipu.admissions.nic.in पर उपलब्ध होगा।
यूनिवर्सिटी ने पिछले साल दाख़िले में “ एकल बालिका कोटा” और “ खेल कोटा” शुरू किया था।
अकादमिक परिषद की इस बैठक में कामकाजी लोगों के लिए अलग से पीएचडी शुरू करने पर भी विमर्श किया गया।
इस बैठक में एमबीए(फायर एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी) प्रोग्राम में लेटरल एंट्री भी शुरू करने का निर्णय लिया गया।
यूनिवर्सिटी द्वारा चलाए जा रहे विदेशी भाषा के सर्टिफिकेट कोर्स में स्पैनिश एवं अन्य लोकप्रिय विदेशी भाषा को शामिल करने पर भी विचार किया गया।
इस बैठक में अगले अकादमिक सत्र से यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज के अंतर्गत पाँच-वर्षीय
बीए-एमए दर्शनशास्त्र में शुरू करने का फ़ैसला भी लिया गया।
इस बैठक में नई शिक्षा नीति के दिशानिर्देशों के आलोक में चारवर्षीय बीएड स्पेशल एजुकेशन के तीन नए प्रोग्राम- हियरिंग इंपेयरमेंट, इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी और मल्टीपल डिसेबिलिटी- में सत्र 2025-26 से ही शुरू करने का निर्णय भी लिया गया।
इस बैठक में यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज में पोस्ट एमएससी डिप्लोमा इन रेडियोलॉजिकल फिजिक्स को सत्र 2025-26 से ही शुरू करने का फैसला लिया गया।
यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर प्रोपेगेशन ऑफ़ ह्यूमन वैल्यूज़ एंड एथिक्स के अंतर्गत “योर ओन लाइफ” प्रोग्राम यूनिवर्सिटी स्कूल के अलावा संबद्ध इंस्टीट्यूट्स में भी चलाए जाएँगे। इस आशय का निर्णय भी इस बैठक में लिया गया।
भारतीय ज्ञान परंपरा के प्रचार-प्रसार के लिए यूनिवर्सिटी “ इन-सीटू सेंटर फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम एंड टेक्नोलॉजी इनोवेशन”
स्थापित करेगी। इसका फ़ैसला भी इस बैठक में लिया गया।
यूनिवर्सिटी के सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इन फार्मास्यूटिकल साइंसेज के अंतर्गत चल रहे एमएससी(माइक्रोबायोलॉजी) प्रोग्राम अब प्रस्तावित नरेला कैंपस में चलेगा। कई अल्प-अवधि के सर्टिफिकेट और डिप्लोमा प्रोग्राम के साथ यह नया कैंपस भी जल्द ही शुरू हो जाएगा।इस आशय का फैसला भी इस बैठक में लिया गया।