यमुना और दिल्ली के नालों पर हर पल निगरानी रखी जा रही है – प्रवेश साहिब सिंह

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  • जलभराव से मुक्ति के लिए युद्धस्तर पर काम जारी

नई दिल्ली । 10 जून 25 । दिल्ली के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने आज शास्त्री नगर स्थित Irrigation & Flood Control (I&FC) विभाग के अत्याधुनिक कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और आगामी मानसून को लेकर तैयारियों की व्यापक समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक कर नालों की सफाई, यमुना के जलस्तर की निगरानी और बाढ़ प्रबंधन को लेकर विस्तृत योजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजधानी को जलभराव से निजात दिलाने के लिए सरकार पूरी संजीदगी के साथ जुटी है।

मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने कहा:

“यह हमारा I&FC कंट्रोल रूम है, जो दिल्ली के 77 बड़े नालों और यमुना नदी के जलस्तर की 24 घंटे निगरानी करता है। यहां से लगातार यह देखा जाता है कि बारिश के दौरान जलप्रवाह कितना है, अपस्ट्रीम से कितना पानी छोड़ा जा रहा है और उसका नीचे की तरफ क्या असर पड़ेगा। जब जलस्तर बढ़ता है, तो यहीं से तय किया जाता है कि चेतावनी कब जारी होनी है और किन इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जाना है। 15 जून से मानसून शुरू होते ही, पुलिस, एसडीएम और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी यहीं से समन्वय स्थापित करेंगे, ताकि कोई चूक न हो। आज मैं इसी व्यवस्था की तैयारियों का जायजा लेने आया था।”

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि दिल्ली के 76 बड़े नालों में से 90% की सफाई पूरी हो चुकी है, जबकि शेष कार्य अंतिम चरण में है। आधुनिक मशीनरी, GPS ट्रैकिंग और ग्राउंड रिपोर्टिंग के ज़रिए यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी नाले में रुकावट न बने और जलभराव की आशंका खत्म हो।

मंत्री ने निर्देश दिया कि प्रत्येक नाले की सफाई की प्रगति की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में प्रतिदिन अपडेट होनी चाहिए। उन्होंने कंट्रोल रूम में लगे निगरानी सिस्टम, अलर्ट तकनीक और समन्वय प्रणाली का भी गहन निरीक्षण किया।

मंत्री ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य सिर्फ बारिश का सामना करना नहीं, बल्कि दिल्लीवासियों को भरोसा देना है कि अब हर साल की तरह परेशानी नहीं होगी। हमने तैयारी कागज़ों पर नहीं, ज़मीन पर की है। इस बार जनता को स्पष्ट फर्क नज़र आएगा। यह सिर्फ वादा नहीं, हमारा संकल्प है।”

I&FC विभाग द्वारा कंट्रोल रूम को 24×7 सक्रिय रखने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही रियल टाइम मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म और अलर्ट सिस्टम को पूरी तरह सक्रिय किया जा चुका है, ताकि बारिश के दौरान किसी भी स्थिति से त्वरित और प्रभावी तरीके से निपटा जा सके।

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