नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट” (NGMA) के साथ समझौता कर छात्रों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया अहम कदम: कुलजीत सिंह चहल

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नई दिल्ली । 10 जून 25 । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी मिशन “विकसित भारत@2047” के अनुरूप, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने अपने विद्यालयों के छात्रों की शैक्षिक यात्रा को और अधिक समृद्ध व सजीव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।

एनडीएमसी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने जानकारी दी कि परिषद ने “नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट” (NGMA) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एक वर्ष की अवधि की साझेदारी नवयुग और एनडीएमसी के सभी विद्यार्थियों को लक्षित करते हुए की गई है, जिसके तहत उन्हें विशेष शैक्षणिक भ्रमण, विषय-आधारित रचनात्मक कार्यशालाएं और मार्गदर्शित अधिगम अनुभव प्रदान किए जाएंगे।

चहल ने बताया कि इस साझेदारी के अंतर्गत एनडीएमसी के विद्यालयों में इन-हाउस तथा आउटरीच गतिविधियों को लागू किया जाएगा, जो विभिन्न आयु वर्गों और अधिगम स्तरों के अनुरूप तैयार की जाएंगी।

उन्होंने कहा, “यह सहयोग हमारे विद्यार्थियों को आधुनिक कला, संस्कृति, विरासत और विज्ञान से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ने का अवसर देगा। यह न केवल उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देगा, बल्कि उन्हें एक संतुलित, विचारशील और जागरूक पीढ़ी के रूप में विकसित करेगा—जो ‘विकसित भारत@2047’ के मूल्यों के अनुरूप है।”

इस साझेदारी के प्रमुख उद्देश्य होंगे:
* संवादात्मक गतिविधियों के माध्यम से अनुभवात्मक अधिगम को प्रोत्साहित करना
* कक्षाओं में रचनात्मकता एवं आलोचनात्मक सोच का विकास करना
* भारत की कलात्मक और वैज्ञानिक धरोहर के प्रति सांस्कृतिक जागरूकता और सराहना को बढ़ावा देना
* सभी एनडीएमसी स्कूलों में समावेशी और प्रेरक शैक्षिक वातावरण का निर्माण करना

एनजीएमए द्वारा प्रस्तावित गतिविधियां:
* विषय-आधारित कला कार्यशालाएं
* संकलित गैलरी भ्रमण
* कला, विरासत और विज्ञान पर केंद्रित शैक्षिक सत्र
* एनडीएमसी शिक्षकों के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम
कुलजीत चहल ने यह भी बताया कि परिषद अपने विद्यालयों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण शैक्षणिक पहल “विकास भी, विरासत भी” को भी लागू कर रही है। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “पंच प्रण” तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत पर गर्व के आह्वान से प्रेरित है। इस पहल के माध्यम से छात्रों को न केवल तकनीकी दक्षता दी जाएगी, बल्कि उन्हें संस्कार, पहचान और अपनी जड़ों से जुड़ाव की भावना से भी सशक्त किया जाएगा।

इस अभिनव मॉडल में योग, प्रकृति से सीख, पर्यावरणीय चेतना, गुरु-शिष्य परंपरा और भारतीय दर्शन जैसे विषयों को सम्मिलित किया गया है, जिससे छात्र केवल जीविका नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सीखेंगे। यह प्रयास उन्हें संवेदनशील, मूल्यनिष्ठ और सांस्कृतिक रूप से जागरूक नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगा।

चहल ने कहा कि यह साझेदारी एनडीएमसी की अपने छात्रों को समग्र, नवोन्मेषी और मूल्यनिष्ठ शिक्षा प्रदान करने की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह उन्हें आत्मविश्वासी, सक्षम और विकसित भारत के निर्माण में भागीदार नागरिक बनाने की दिशा में मजबूत आधार प्रदान करेगी।

उन्होंने कहा कि यह पहल एनडीएमसी की शिक्षा व्यवस्था को रूपांतरित करने की दिशा में एक और मील का पत्थर है—जो माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के “विकसित भारत@2047” के सपने को साकार करने में सहायक सिद्ध होगी।

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