- डॉ पंकज कुमार सिंह की अगुवाई में दिल्ली मेट्रो की गोल्डन लाइन पर तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्टेशन पर टीबीएम ब्रेकथ्रू हुआ सफल
- दिल्ली की अंडरग्राउंड मेट्रो कनेक्टिविटी को मिला नया आयाम
- केंद्र और दिल्ली सरकार के साझा प्रयास से हो रहा है बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट
नई दिल्ली 7 जून 25 । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने मेट्रो फेज-4 के तहत गोल्डन लाइन (तुगलकाबाद–एरोसिटी कॉरिडोर) के तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर टनल बोरिंग मशीन (TBM) के सफल ब्रेकथ्रू के साथ एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
इस ऐतिहासिक मौके पर परिवहन मंत्री, डॉ. पंकज कुमार सिंह ने खुद साइट का दौरा किया और पूरी प्रक्रिया को समझा। इस मौके पर DMRC के प्रबंध निदेशक डॉ. विकास कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा इंजीनियर भी उपस्थित रहे। माननीय मंत्री जी ने साइट पर चल रहे कार्यों की जानकारी ली और टनल बनाने में इस्तेमाल हो रही Earth Pressure Balancing Method (EPBM) तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अंतिम ब्रेकथ्रू की प्रक्रिया की औपचारिक शुरुआत की।
TBM ने कुल 0.792 किलोमीटर लंबी सुरंग की खुदाई पूरी की। यह 96 मीटर लंबी मशीन दो समानांतर सुरंगों में से एक की खुदाई कर रही थी—जिनमें समानांतर दिशा में मेट्रो ट्रेनों की आवाजाही होगी। दूसरी सुरंग में जुलाई 2025 तक ब्रेकथ्रू होने की उम्मीद है। यह सुरंग लगभग 18 मीटर की गहराई पर बनाई गई है, जिसका अंदरूनी व्यास 5.8 मीटर है। इसमें लगभग 566 प्रीकास्ट कंक्रीट रिंग्स का उपयोग हुआ है, जो मुण्डका के अत्याधुनिक कास्टिंग यार्ड में बनाए गए और स्टीम क्योरिंग तकनीक से मजबूत किए गए।
टनलिंग के दौरान सभी सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन किया गया। आसपास की इमारतों पर संवेदनशील उपकरण लगाए गए ताकि ज़मीन की हरकत पर निगरानी रखी जा सके। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कोई नुकसान या धंसाव नहीं हुआ—जो DMRC की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
फेज-4 के तहत अब तक लगभग 40.109 किलोमीटर की अंडरग्राउंड लाइन का निर्माण चल रहा है, जिसमें अकेले एरोसिटी–तुगलकाबाद कॉरिडोर की 19.343 किलोमीटर अंडरग्राउंड सुरंगें शामिल हैं।
मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ‘DMRC के इंजीनियरों, निर्माण टीमों और ज़मीन पर काम करने वाले कर्मचारियों की मेहनत और तकनीकी दक्षता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह सफलता केंद्र सरकार के आधुनिक, टिकाऊ और सुविधाजनक शहरी परिवहन के विज़न को मजबूत करती है, जिससे सड़कों पर भीड़ कम होगी और पर्यावरण को लाभ मिलेगा।’
आगे उन्होंने कहा: “हमारी सरकार के आने के बाद जनता का भरोसा लौट रहा है। मेट्रो के लंबे समय से रुके प्रोजेक्ट अब तेज़ी से पूरे हो रहे हैं। यह ब्रेकथ्रू सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि नई ऊर्जा और रफ्तार का प्रतीक है। हम मेट्रो के विस्तार को और तेज़ करेंगे और दिल्ली को वो इंफ्रास्ट्रक्चर देंगे, जिसकी उसे ज़रूरत और हक़ है।”
इस दौरान मंत्री ने निर्माण कार्य में लगे कर्मचारियों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया और ग्रुप फोटो के साथ दौरे का समापन किया।
टीबीएम क्या है और दिल्ली मेट्रो में इसकी भूमिका
टनल बोरिंग मशीन (TBM) विशेष मशीन होती है, जो ज़मीन के अंदर सुरंगें बनाती है, वह भी सतह पर बिना कोई नुकसान किए। दिल्ली मेट्रो ने फेज-1 से ही TBM तकनीक का उपयोग शुरू किया था। फेज-3 में लगभग 50 किलोमीटर सुरंगें करीब 30 TBMs से बनीं। अब फेज-4 में भी यह तकनीक अपनाई जा रही है, जिससे दिल्ली देश की सबसे आधुनिक अंडरग्राउंड मेट्रो तकनीक अपनाने वाले शहरों में से एक बन गई है।
यह उपलब्धि केवल इंजीनियरिंग की नहीं, बल्कि केंद्र और दिल्ली सरकार के साझा प्रयासों की भी मिसाल है, जो दिल्ली को एक स्मार्ट, हरित और बेहतर ढंग से जुड़ा हुआ राजधानी शहर बनाने की दिशा में लगातार अग्रसर हैं।