देश के विकास और बदलती हुई दुनिया के लिए वन नेशन वन इलेक्शन जरुरी – सुनील बंसल

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• सुनील बंसल ने “वन नेशन वन  इलेक्शन” पर आयोजित सेमिनार को संबोधित किया

• भारत के अलग अलग हिस्सों में जब चुनाव होते हैं तो वहां पैसो के साथ-साथ सिस्टम और समय की बर्बादी होती है

• सरकारें पांच सालों तक देश और राज्यों के विकास के लिए बिना किसी रुकावट और दबाव के काम कर सकेंगी

नई दिल्ली । 7 जून 25। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल ने आज constitution क्लब में आयोजित “वन नेशन वन इलेक्शन” पर आयोजित सेमिनार को संबोधित किया।

इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यों में जनरल मनोज कुमार मांगो, डॉ राजीव रंजन, सेवानिवृत्त जस्टिस डॉ. डी के अरोड़ा, मुकुल सिंघल, प्रोफेसर डॉ मनोज, दीक्षित, नरेन्द्र नाथ, सी.ए. कमलकांत जैन, सी.ए. हंसराज चुग, वीरेन्द्र सहित कई गणमान्य जनों ने “वन नेशन वन इलेक्शन” को लेकर अपने सकारात्मक विचार एवं सुझाव रखे।

सेमिनार को संबोधित करते हुए सुनील बंसल ने कहा कि इस वक्त “वन नेशन वन इलेक्शन” को लेकर हमारे यहां कई चर्चाएं हो रही हैं। इसको लेकर टीवी डिबेट भी हो रही हैं और साथ ही हमारे इलेक्शन कमीशन एवं नीति आयोग के अधिकारियों ने भी काफी चर्चा की है।

इसी को लेकर भारत सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनाई। पार्लियामेंट में भी कमेटी मे इसे रखा गया ताकि फिर से इस बिल पर चर्चा हो सके।

बंसल ने कहा कि हमारे यहां भी चुनाव सही से हो इसको लेकर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार संकल्पित है और देश की बेहतरी के लिए “वन नेशन वन इलेक्शन” व्यवस्था होनी ही चाहिए।

बंसल ने कहा इसी ध्येय के साथ हमें अब सोचने की जरुरत है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें प्रमुख हैं खर्च और समय की बचत। भारत के अलग अलग हिस्सों में जब चुनाव होते हैं तो वहां पैसो के साथ साथ सिस्टम और समय की बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि बदलती हुई दुनिया में अगर हमें आगे बढ़ना है तो उसके लिए “वन नेशन वन इलेक्शन” जरुरी है।

सुनील बंसल ने कहा कि पहले हम बैलेट पेपर से वोट डालते थे लेकिन अब बैलेट पेपर की जगह ईवीएम मशीन ने ले ली है। जब बदलती हुई दुनिया में सब बदल रहा है तो देश के विकाश के लिए “वन नेशन वन इलेक्शन” होगा तो सुचारू रूप से विकाश होगा।

उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में अनेक बार ऐसी परिस्थिती बनती है की लम्बे समय मॉडल कोड आफ कंडक्ट लगता है जिससे विकास कार्य प्रभावित होते हैं। इसलिए अगर एक साथ चुनाव हो तो ना ही लोगों को परेशानी होगी और ना ही राजनीतिक पार्टियां ही परेशान होंगी। हर साल चुनाव आने से राजनीतिक पार्टियां भी चाहे वह सरकार में हो या विपक्ष विकास के मुद्दों को ढूंढने या विकास कार्य करने की जगह सिर्फ चुनाव में ही लगी रहती है।

बंसल ने कहा कि राजनीतिक पार्टियां चुनाव जीतने की होड़ की जगह वन नेशन वन इलेक्शन को अपनाए तो पांच सालों तक आराम से बिना किसी रुकावट और दबाव के काम करते रहेंगी जिससे विकास कार्य काफी तेजी से होगा।

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