दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं की दी है सौगात- रेखा गुप्ता

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• दिल्ली में शिवमूर्ति से नेल्सन मंडेला रोड तक अंडरग्राउंड टनल,

• नई एलिवेटेड रोड और दिल्ली से कटरा और अमृतसर हाइवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स जल्द होंगे शुरू
• सराय काले खां से आइजीआइ एयरपोर्ट तक बनाई जाएगी टनल

नई दिल्ली। , 4 जून, 2025 । राजधानी में वाहनों की भीड़भाड़ को कम करने और प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को करोड़ों रुपये की सौगात दी है। केंद्र सरकार का सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय अपने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से इन प्रोजेक्ट पर काम करेगा, जिसके अंतर्गत शिवमूर्ति से नेल्सन मंडेला रोड तक अंडरग्राउंड टनल, नई एलिवेटेड रोड और दिल्ली से कटरा और अमृतसर हाइवे जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स बनेंगे, सराय काले खां से आइजीआइ एयरपोर्ट तक टनल का निर्माण, साथ ही प्रमुख सड़कों को सिग्नल-फ्री, ड्रेनेज और साइड लेन का निर्माण और दिल्ली के ठोस कचरे का उपयोग सड़को के निर्माण में किया जाएगा। रेलवे क्रासिंग के जाम से मुक्ति के लिए ROB और RUB निर्माण को भी मंजूरी मिल गई है। मंत्रालय दिल्ली सरकार को सहयोग देने के लिए वर्तमान व आगामी प्रोजेक्ट के लिए करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये व्यय कर रहा है।
इस मसले पर आज केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज प्रेस वार्ता में इसकी जानकारी दी और बताया कि इस बैठक के दौरान दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना , केंद्रीय राज्य सड़क एवं परिवहन मंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री, सांसद एवं सभी सम्बंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा 35,000 करोड़ रुपये की लागत से कई परियोजनाएं दिल्ली में कार्यान्वित की जा रही हैं। इससे पहले, 64,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं। साथ ही, 24,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाले आगामी प्रोजेक्ट्स की डीपीआर भी तैयार हो चुकी है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि दिल्ली में वाहनों की भीड़ को कम करने (डीकंजेस्ट) करने और प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिनमे शिव मूर्ति से नेल्सन मंडेला रोड तक लगभग 7 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड टनल का निर्माण, आईएनए से एयरपोर्ट तक एलिवेटेड रोड, जो आगे फरीदाबाद और गुरुग्राम को जोड़ेगा, इस पर भी एलिवेटेड रोड बनाने का काम शुरू होगा, दिल्ली से कटरा व अमृतसर को जोड़ने वाला हाइवे, जो Urban Extension Road (UER)-II से कनेक्ट होगा और UER-II का दूसरा एक्सटेंशन, जो अलीपुर से ट्रोनिका सिटी और दिल्ली–देहरादून मार्ग को जोड़ेगा। इससे हरियाणा से देहरादून और नोएडा तक बिना दिल्ली में प्रवेश किए यातायात सुगम होगा। इसके अलावा, सराय काले खां से IGI एयरपोर्ट तक टनल के निर्माण की भी फिजिबिलिटी स्टडी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र के परिवहन मंत्रालय और दिल्ली सरकार के बीच हुई बातचीत से सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि रोहतक रोड, पंजाबी बाग से आगे नांगलोई, आश्रम से बदरपुर, और एमजी रोड जैसे प्रमुख मार्ग अब एनएचएआई (NHAI) को हैंडओवर कर दिए गए हैं। इन सभी सड़कों को सिग्नल फ्री बनाया जाएगा और इसका कार्य जल्द शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अब एनएचएआई द्वारा सड़कों का निर्माण के साथ साथ उसके ड्रेनेज सिस्टम, साइड लेन और अन्य आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर भी बनाएगी| इससे पहले जहां मल्टीपल एजेंसियों के कारण जलभराव या ड्रेनेज जैसी समस्याएं होती थीं, अब वे पूरी तरह एनएचएआई द्वारा अपने खर्चे पर हल की जाएंगी। इस प्रक्रिया में पीडब्ल्यूडी भी सहयोग करेगा।
मुख्यमंत्री ने एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजना के लिए केंद्र सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इंदरलोक मेट्रो स्टेशन से मुनक नहर के किनारे होते हुए सोनीपत तक लगभग 20 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना हरियाणा और दिल्ली के बीच यात्रा करने वाले बड़ी संख्या में यात्रियों को लाभ पहुंचाएगी, जो फिलहाल केवल आजादपुर से मुकरबा चौक होते हुए हाईवे का ही उपयोग कर पाते हैं। इस नई सड़क के निर्माण से दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा, विशेष रूप से पश्चिमी दिल्ली के निवासियों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द तैयार की जाएगी और एनएचएआई इसे प्राथमिकता के आधार पर कार्यान्वित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरयूबी (RUB) और आरओबी (ROB)- यानि रोड अंडर ब्रिज और रोड ओवर ब्रिज के निर्माण के लिए एनएचएआई द्वारा 150 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में ट्रैफिक डीकंजेशन के लिए करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का दिल से आभार व्यक्त किया, जिनके नेतृत्व में दिल्ली को एक बेहतर, सुगम और प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का सपना साकार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने इस बात की भी सराहना की कि NHAI द्वारा सड़कों के निर्माण में दिल्ली के ठोस कचरे और निर्माण अपशिष्ट (waste/inert material) का पुनः उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में यह बात दोबारा स्पष्ट की गई कि आगे भी दिल्ली में बनने वाली सभी नई सड़कों में अधिकतम मात्रा में निर्माण अपशिष्ट और अन्य उपयुक्त कचरे का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे जहां कूड़े के पहाड़ों को कम करने में मदद मिलेगी, वहीं सड़कों के निर्माण में भी यह संसाधन के रूप में उपयोग आएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सभी योजनाएं दिल्ली को एक विश्वस्तरीय, सुंदर और हरित शहर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के कई अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के निरंतर सहयोग से दिल्ली को एक बेहतर और विश्वस्तरीय शहर बनाने के प्रयास सफल हो रहे हैं और इन प्रयासों से विकसित दिल्ली का सपना जल्द ही साकार होगा।
प्रोजेक्ट रिपोर्ट
-करीब , 64,000 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न प्रोजेक्ट पूरे किए जा चुके हैं, इसके अंतर्गत 1578 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण हुआ है।
-लगभग 35,000 करोड़ रुपये की लागत से कई परियोजनाएं दिल्ली में कार्यान्वित की जा रही हैं। इसके तहत 594 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
-एनएचएआई ने 24,000 करोड़ रुपये की लागत से शुरू होने वाले आगामी प्रोजेक्ट्स की डीपीआर बना ली है। इसके तहत 128 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा।
जो प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं
-135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे का निर्माण पूरा हो चुका है। इस पर 12,000 हजार करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
-धौला कुआं गुरुग्राम कॉरिडोर पर 373 करोड़ रुपये की लागत आई है।
-गुरुग्राम-सोहना रोड 21 किलोमीटर लंबा है और इस 2,009 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं
-करीब 70 किलोमीटर लंबे दिल्ली-पानीपत प्रोजेक्ट पर 2,205 करोड़ रुपये की लागत आई है।
-करीब 32 किलोमीटर लंबे दिल्ली (अक्षरधाम) से ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का चौराहा (दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे का हिस्सा है) पर करीब 3,500 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं।

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