- “100 दिन सेवा के, 100 दिन विश्वास के”: ; अश्वितीय बदलावों की मिसाल बनी दिल्ली सरकार “हम खोखले वादों में विश्वास नहीं रखते।
- झुग्गीवासियों के जीवन में सम्मान लाने के लिए 700 करोड़ रुपये का बजट,
- 75 सीएम श्री स्कूलों, डिजिटल लाइब्रेरी और AI-आधारित शिक्षण की शुरुआत
- निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए ‘दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी बिल’ लाया गया
नई दिल्ली । 4 मई 25 । दिल्ली सरकार के “100 दिन विश्वास के, 100 दिन सेवा के” अभियान के तहत 100 दिन की उपलब्धियों को साझा करते हुए गृह, विद्युत, शिक्षा एवं शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। सूद ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में चल रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार गरीब कल्याण को अपना सर्वोच्च कर्तव्य मानती है। उन्होंने कहा कि “अंत्योदय हमारा संकल्प है और गरीब कल्याण हमारा लक्ष्य है” यह नारा केवल बयान नहीं, बल्कि इस सरकार की कार्यशैली का हिस्सा है। सूद ने बताया कि सरकार ने गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के जीवन को सरल बनाने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की हैं। दिल्ली की झुग्गी-बस्तियों और निम्न आय वर्ग के लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दी जा रही है। खासकर उन वर्गों के लिए योजनाएं बनाई गई हैं जिन्हें वर्षों से उपेक्षित रखा गया था। यह सरकार गरीबों की आकांक्षाओं को केंद्र में रखकर योजनाओं का संचालन कर रही है।
सूद ने कहा, “हमारी सरकार का हर निर्णय गरीब, मजदूर और आम जन की भलाई के लिए है। इन 100 दिनों में हमने दिखा दिया कि यदि सेवा, संकल्प और समर्पण हो, तो बदलाव मुमकिन है।”
आशीष सूद ने बताया कि बीजेपी सरकार बनते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने 2500 मकानों को रहने लायक बनाने की दिशा में काम किया गया। पूर्ववर्ती सरकार ने इन मकानों पर ‘मुख्यमंत्री’ नहीं लिखा होने के कारण इन्हें गरीबों को नहीं सौंपा था। इस कारण वर्षों से यह मकान खाली पड़े थे और गरीबों को घर का लाभ नहीं मिल पा रहा था। अब 43 करोड़ रुपये की लागत से इन मकानों को फिर से तैयार किया जा रहा है। दिल्ली सावधा बोर्ड के तहत यह निर्माण कार्य गरीबों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा। सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है कि कोई भी गरीब परिवार बेघर न रहे।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि मैंने पहले भी कहा कि दिल्ली में किसी भी झुग्गी को नहीं तोड़ा जाएगा। हम आज भी इस संकल्प पर पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि DUSIB में झुग्गीवासियों के उत्थान के लिए ₹700 करोड़ का बजट हमने प्रदान किया है। जबकि पिछली सरकार में बजट 31 मार्च की रात 11:50 बजे पेश किया गया, जिससे अगले दिन कोई सवाल भी नहीं पूछा जा सका। आज भी स्थिति यह है कि कई स्थानों पर टॉयलेट की हालत खराब है, स्नानगृह बने ही नहीं हैं। दिल्ली में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में हम पूरी तरह से कटिबद्ध है कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। लेकिन कुछ ऐसे नेता राजनीति में बने रहने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं।
आशीष सूद ने आगे बताया कि इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट का केस नंबर है: 8035/2024। हाई कोर्ट ने स्वयं कहा कि इस क्षेत्र को अर्बन फ्लडिंग रोकने के लिए खाली कराना आवश्यक है। पिछली बार यहां भारी जलभराव हुआ था, और वो भी आम आदमी पार्टी सरकार की नाकामी के कारण। यदि आम आदमी पार्टी चाहती, तो इन निवासियों को सम्मानजनक पुनर्वास (relocation) उपलब्ध करा सकती थी। मगर उनके कथित “बेरोज़गार नेता” और पंजाब में छिपे हुए उनके ‘आका’ अब इन गरीब झुग्गीवासियों के सवालों का जवाब देने से बच रहे हैं। मगर सच यह है कि मदरासी कैंप को अर्बन फ्लडिंग परियोजना के तहत खाली कराया गया, और सरकार ने वहां के निवासियों को पुनर्वास प्रदान किया – उन्हें तोड़ा नहीं गया। कुल 370 में से 215 परिवार पात्र (entitled) पाए गए, और उन्हें सम्मानपूर्वक पुनर्वासित किया गया।
मैं, DUSIB का प्रभारी मंत्री होने के नाते, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ओर से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आश्वासन के आधार पर, दिल्ली के सभी झुग्गीवासियों को यह विश्वास दिलाना चाहता हूं कि कोई भी झुग्गी नहीं तोड़ी जाएगी। ₹700 करोड़ के बजट के साथ हर झुग्गी में सड़क, पानी, बिजली, टॉयलेट और महिला स्नान गृह जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। और यह मैं पूरी जिम्मेदारी से कहता हूं – क्योंकि नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में अंत्योदय हमारा लक्ष्य है और गरीब कल्याण हमारा कर्तव्य।
सूद ने कहा शिक्षा के क्षेत्र में सरकार ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। दिल्ली में हम 75 ‘सीएम श्री स्कूल’ की स्थापना कर रहे हैं, जो आधुनिक तकनीक से युक्त होंगे। इनमें स्मार्ट क्लासरूम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित लर्निंग, रोबोटिक्स और डेटा साइंस जैसे विषयों की पढ़ाई कराई जाएगी। 100 करोड़ रुपये का विशेष बजट इन स्कूलों के लिए तय किया गया है। बच्चों को एआर/वीआर लैब, रोबोटिक्स, डेटा साइंस जैसी उन्नत सुविधाएं दी जाएंगी। इससे सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है। अत्याधुनिक सीएम स्कूलों में एआई-बेस्ड लर्निंग आउटकम्स पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन स्कूलों को भविष्य के लिए तैयार किया जा रहा है ताकि गरीब बच्चों को भी वही अवसर मिल सकें जो निजी स्कूलों के बच्चों को मिलते हैं। डिजिटल शिक्षा पर फोकस करते हुए स्कूलों को तकनीकी रूप से समृद्ध बनाया जाएगा। यहां छात्र केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि व्यावहारिक और आधुनिक शिक्षा से लैस होंगे। यह शिक्षा प्रणाली बच्चों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी। सरकार का मानना है कि तकनीकी और डिजिटल क्रांति में गरीबों की हिस्सेदारी भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
आशीष सूद ने यह बताया कि 100 स्कूलों में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम भाषा लैब की स्थापना की जाएगी । इसका प्रस्ताव कैबिनेट से पास हो गया है। इन भाषा लैब के माध्यम से सरकारी स्कूलों के छात्र अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन जैसी कई विदेशी भाषाओं को सीख पाएंगे। इसके साथ ही 250 सरकारी स्कूलों में डिजिटल लाइब्रेरी की स्थापना की जा रही है ।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डिजिटल एजुकेशन योजना के अंतर्गत तब तक 1200 स्कूली छात्रों को लैपटॉप दिए गए हैं । शिक्षा मंत्री ने पिछली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि 31 मार्च की रात 11:50 पर बजट जारी करना इस बात का प्रमाण है कि योजनाओं को क्रियान्वयन से वंचित रखा गया। इसके विपरीत नई सरकार ने आते ही शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा की दिल्ली की सभी स्टेट यूनिवर्सिटी और 12 दिल्ली यूनिवर्सिटी कॉलेज को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत प्रथम किस्त के तहत इन सभी को अब तक 275 करोड रुपए की राशि दी जा चुकी है। इस राशि से है इन कॉलेज के स्टाफ की सैलरी तथा अन्य कई खर्च आदि में सुविधा मिलेगी। इससे हज़ारों छात्रों और कर्मचारियों को राहत मिली है। शिक्षा को लेकर सरकार का दृष्टिकोण बेहद संवेदनशील और सक्रिय है।
तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार ने गरीब छात्रों के लिए ठोस कदम उठाए हैं। तीन लाख रुपये सालाना से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को स्कॉलरशिप 2021-22 से नहीं मिल रही थी। सरकार ने इस बकाया स्कॉलरशिप को निपटाते हुए 1300 छात्रों को 19 करोड़ रुपये जारी किए हैं। श्री सूद ने बताया कि केवल 100 दिनों के अंदर सरकार ने यह स्कॉलरशिप पुनः शुरू कर दी। यह कदम अंत्योदय के मूल सिद्धांतों को मूर्त रूप देने वाला है। दिल्ली सरकार का मानना है कि शिक्षा सभी के लिए सुलभ और सस्ती होनी चाहिए।
सरकार ने मेडिकल और सेंट्रल यूनिवर्सिटी परीक्षाओं के लिए गरीब छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग भी उपलब्ध करवाई है। फिजिक्स वाला जैसे प्रतिष्ठित पोर्टल के माध्यम से NEET और CUET की मुफ्त कोचिंग शुरू की गई है। भारत सरकार की एमएसटीसी कंपनी के साथ साझेदारी में यह सुविधा गरीब और सरकारी स्कूलों के छात्रों को उपलब्ध कराई गई है। हज़ारों छात्रों ने इस सुविधा का लाभ उठाया है। यह पहल उन छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही है जिनके पास महंगी कोचिंग का विकल्प नहीं था। दिल्ली सरकार की यह योजना शिक्षा में समानता लाने की दिशा में मील का पत्थर है।
सूद ने कहा कि दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी बिल के ज़रिए निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई गई है। अब स्कूल अभिभावकों को किसी खास दुकान से किताबें या यूनिफॉर्म खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि 27 वर्षों तक निजी स्कूलों की लूट पर कोई लगाम नहीं थी, लेकिन हमारी सरकार ने इस पर कठोर कार्रवाई करते हुए पारदर्शिता सुनिश्चित की है
शिक्षा मंत्री ने बताया कि ऊर्जा क्षेत्र में सरकार ने प्रधानमंत्री सूर्या घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सब्सिडी को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया है। अब 3 किलोवाट का सोलर कनेक्शन लगभग 1.08 लाख में लगेगा, जिसमें से ₹1 लाख की सहायता केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देंगी।
श्री सूद ने बताया कि पिछले 5 साल में दिल्ली में आधे घंटे से ज्यादा कई बार बिजली की कटौती की गई है
सूद ने बताया कि EWS श्रेणी में प्रवेश प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है। पहले एक ही परिवार के कई सदस्यों को इस योजना का लाभ मिल जाता था, लेकिन अब ऐसी गड़बड़ियों को खत्म किया गया है। अब तक 28,000 बच्चों को पारदर्शी प्रक्रिया के तहत दाखिला मिला है, और शेष 9,800 बच्चों के लिए 1 जुलाई को ड्रॉ आयोजित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि राजधानी में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु फॉरेंसिक जांच को अनिवार्य किया गया है और मोबाइल फॉरेंसिक लैब्स की स्थापना की जा रही है, जिससे न्याय प्रक्रिया और अधिक सशक्त और तेज़ हो सके। साथ ही, 100 नए फायर टेंडर तंग और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात किए जाएंगे, ताकि आगजनी की घटनाओं पर शीघ्र नियंत्रण पाया जा सके।
D P S के संबंध मे प्रश्न के विषय में मंत्री ने बताया की ऐसे प्रश्न उठाकर आम आदमी पार्टी के लोग पुलिस की आड़ में उन लोगों को कवर फायर दे रहे हैं जो फीस माफिया हैं। जो नहीं चाहते कि ऐसा सख्त कानून बने जिससे इनके खिलाफ कार्रवाई हो सके। मैं ग्रंटी से कहता हूं ये सब दिखावा है। मैं आज ये साबित करूंगा कि इन्होंने बिल को चोर रास्ते से लाने की कोशिश की। 15 जुलाई 2021, 30 सितंबर 2021, 13 अप्रैल 2022 की, अखबारों की क्लिपिंग के अनुसार कैसे 2022 में पैरेंट्स को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा। उस समय भी कैसे पेरेंट्स D P S में फीस बढ़ाने के लिए प्रदर्शन करते थे। आज हालत ये है कि DPS द्वारका में 20 से ज़्यादा बच्चों को उनकी क्लास में बैठने नहीं दिया गया, जबकि 1 जुलाई से स्कूल खुल चुके थे। क्या ये न्याय है? क्या ये शिक्षा है?
शिक्षा मंत्री ने बताया कि जैसे पहले ये लोग ‘अंडर द टेबल’ रिश्वत वसूलते थे वैसे ही अब भी करते रहे। मैं आज आपके सामने साबित कर दूंगा कि कैसे ये लोग अब कहते हैं, ‘हम लोगों से राय मांगेंगे, हम लोगों से सुझाव लेंगे।’ ये सब दिखावा है। इन्होंने अपनी ओर से चोर दरवाज़े से बिल लाने की कोशिश की थी। चुनाव से डर गए थे, चुनाव में पैसे ले लिए। Parents ने आरोप लगाए कि उनकी शिकायतें मानी नहीं गईं। हर साल पैरेंट्स को मजबूर होकर मास्क लगाकर स्कूल के बाहर धरना देना पड़ा। और उस दौरान तत्कालीन C M अपनी जिंदगी का मज़ा ले रहे थे। आज केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पंजाब में मुंह छुपाए बैठे हैं। क्यों नहीं DPS के पैरेंट्स का सामना करते? हम मुख्यमंत्री के नेतृत्व में इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध हैं। जो लोग आज प्रश्न उठा रहे हैं, उनका मक़सद इस मजबूत कानून को डिरेल करना है वो कानून जिसमें पैरेंट्स की भागीदारी सुनिश्चित थी।
सूद ने बताया कि कोर्ट में मामला पहले से सब-जुडिस है। फिर भी ये पुलिस के माध्यम से उन फीस माफियाओं को कवर फायर दे रहे हैं, जो नहीं चाहते कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। आज जब हम कानून बना रहे हैं तो वही लोग छुपे तरीके से इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन हम रुकेंगे नहीं।”
अपने संबोधन के अंत में सूद ने कहा, “हम खोखले वादों में विश्वास नहीं रखते। इन 100 दिनों में हमने छोटे-छोटे लेकिन ठोस कदम उठाकर गरीब कल्याण, शिक्षा सुधार, ऊर्जा सुलभता और कानून व्यवस्था में विश्वास की नींव रखी है। हम मोदी जी की नीति और दीनदयाल उपाध्याय जी के सिद्धांतों को आधार बनाकर दिल्ली को एक आदर्श शहर बनाएंगे।”