लोकसभा और राज्यसभा की तर्ज़ पर नियमों में बदलाव करेगी दिल्ली विधानसभा– विजेंद्र गुप्ता

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  • 100 दिन का सफर: दिल्ली विधानसभा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे है पूरे – जारी होगी रिपोर्ट कार्ड
  • इतिहासिक विधानसभा भवन बनेगा सांस्कृतिक और धरोहर स्थल
  • कैग रिपोर्ट पेश, ऑडिट मॉनिटरिंग ऐप लॉन्च – पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम
  • वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजन कल्याण के लिए दो नई समितियाँ गठित

नई दिल्ली, 2 जून 2025 । दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज घोषणा की कि विधानसभा नियमावली के नियम 280 की समीक्षा की जाएगी और उसमें संशोधन कर उसे लोकसभा और राज्यसभा की प्रक्रिया के अनुरूप बनाया जाएगा। यह बदलाव एनसीटी दिल्ली (संशोधन) अधिनियम, 2021 के अनुसार किया जाएगा। इसके साथ ही विधान भाषा को सरल बनाने और लैंगिक-निरपेक्ष शब्दों के उपयोग को भी बढ़ावा दिया जाएगा ताकि विधानसभा की कार्यप्रणाली अधिक समावेशी, स्पष्ट और समानता आधारित बन सके।

आठवीं विधानसभा अपने 100वें कार्य दिवस (4 जून 2025) के निकट पहुँच रही है। इस अल्प अवधि में कई ऐतिहासिक निर्णय और सुधार किए गए हैं। इन उपलब्धियों को चिन्हित करने के लिए एक विशेष रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है, जिसमें विधानसभा के पहले 100 दिनों की प्रमुख उपलब्धियाँ, निर्णय और सुधारों का विवरण होगा। यह प्रकाशन पारदर्शिता, जवाबदेही और सुधारवादी शासन के प्रति विधानसभा की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा।

अब तक दो पूर्ण सत्र आयोजित किए जा चुके हैं, जबकि पहले हर साल केवल एक सत्र होता था। कुल 12 बैठकें हुईं, जिनमें 46 घंटे 16 मिनट तक कार्य हुआ—जो पिछले 25 वर्षों में सबसे अधिक रहा है जिसमें कई बार कार्यवाही शाम 7 बजे तक चली। अब सदन को “अवसान” (prorogued) किया जा रहा है, न कि अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, जो अधिक नियोजित और जवाबदेह विधान कार्य प्रणाली की ओर संकेत करता है।

अध्यक्ष ने यह भी बताया कि वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण और ट्रांसजेंडर व दिव्यांग व्यक्तियों के हितों की रक्षा हेतु दो नई समितियाँ गठित की गई हैं। इन समितियों के ढाँचे और कार्यप्रणाली को नियम समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जहाँ लोकसभा और राज्यसभा की सर्वोत्तम प्रक्रियाओं का अध्ययन कर उन्हें अपनाया जाएगा।

वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम के तहत, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की छह लंबित रिपोर्ट्स को इस अवधि में सदन में प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, एक विशेष ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम (APMS) मोबाइल ऐप विकसित किया जा रहा है, जिससे ऑडिट सिफारिशों की निगरानी, अनुपालन और वित्तीय पारदर्शिता में सुधार होगा।

इतिहासिक दिल्ली विधानसभा भवन को एक जीवंत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल में बदलने की दिशा में भी काम शुरू हो चुका है। यह भवन कभी भारत की पहली संसद का साक्षी रहा है और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस योजना में भवन की पारंपरिक तकनीकों से मरम्मत, एक विधान संग्रहालय की स्थापना, और दिल्ली व भारत की लोकतांत्रिक यात्रा को दर्शाने वाली प्रदर्शनियों की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा, गाइडेड टूर, सूचना बोर्ड, और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियाँ भी तैयार की जाएंगी।

इस परियोजना के संचालन के pलिए एक विशेष समिति बनाई गई है, जिसमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA)राष्ट्रीय अभिलेखागार ,दिल्ली नगर निगम , दिल्ली विधानसभा और क्षेत्रीय सांस्कृतिक विशेषज्ञ शामिल हैं। IGNCA इस पहल के लिए एक विस्तृत संभाव्यता रिपोर्ट तैयार कर रही है।

अध्यक्ष ने यह भी बताया कि इस प्रयास में केंद्र सरकार का सहयोग प्राप्त हो रहा है। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ बातचीत सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही है। केंद्र के सहयोग से दिल्ली विधानसभा को एक राष्ट्रीय स्तर की धरोहर और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा, जहाँ इतिहास, संस्कृति और नागरिक शिक्षा का अनूठा संगम होगा।

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