नई दिल्ली – 3 जून, 2025 । चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा- भारत आतंक और न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग की छाया में रहने वाला नहीं है। प्रोफेशनल मिलिट्री फोर्स पर असफलताओं और नुकसान का असर नहीं पड़ता। आपको अपना मनोबल बनाए रखने की जरूरत है। नुकसान महत्वपूर्ण नहीं हैं, बल्कि परिणाम महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि पहलगाम में जो कुछ हुआ उससे कुछ हफ्ते पहले ही पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था। पहलगाम में जो हुआ वह पीड़ितों के लिए घोर क्रूरता थी। ऑपरेशन सिंदूर के पीछे सोच यह थी कि पाकिस्तान से राज्य प्रायोजित आतंकवाद को रोकना है।
CDS जनरल अनिल चौहान मंगलवार को पुणे यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। उन्होंने यहां ‘भविष्य के युद्ध और युद्ध’ विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को भारत को आतंकी गतिविधियों का बंधक नहीं बनाना चाहिए।
नुकसान और संख्या पर बात करना सही नहीं CDS चौहान ने भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान फाइटर जेट खोने के सवाल पर कहा- जब मुझसे हमारे नुकसान के बारे में पूछा गया, तो मैंने कहा कि ये महत्वपूर्ण नहीं हैं। क्योंकि परिणाम और आप कैसे कार्य करते हैं। यह महत्वपूर्ण है। नुकसान और संख्या के बारे में बात करना बहुत सही नहीं होगा।
उन्होंने किक्रेट का उदाहरण देते हुए कहा- मान लीजिए कि आप क्रिकेट टेस्ट मैच खेलने जाते हैं और आप एक पारी से हार जाते हैं। तो कितने विकेट, कितनी गेंदें और कितने खिलाड़ी हैं। इसका कोई सवाल ही नहीं है।
CDS बोले- पाकिस्तान ने सीजफायर की पहल की
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भी युद्ध और राजनीति बराबरी से हो रही थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी ठिकानों पर बहुत सोच-समझकर सटीक हमले किए और उनमें से कुछ दो मीटर जितने करीब थे।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ 48 घंटे तक जवाबी कार्रवाई करने की योजना बनाई थी, लेकिन यह लगभग 8 घंटे में ही समाप्त हो गई। 10 मई को पाकिस्तान ने भारत से बातचीत की थी। उसे लगा था कि अगर यह जारी रहा तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। इसके बाद उसने भारत से फोन पर संपर्क किया।
जनरल चौहान ने कहा कि जब पाकिस्तान की ओर से बातचीत और तनाव कम करने का अनुरोध आया, तो हमने भी इसे स्वीकार कर लिया।