नई दिल्ली । 31 मई, 2025 । कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कोलंबिया के बोगोटा में बताया कि कोलंबिया सरकार ने पाकिस्तान के समर्थन में अपना बयान वापस ले लिया है। कोलंबियाई सरकार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करते हुए नया बयान जारी करेगी।
थरूर बोगोटा में तादेओ लोजानो यूनिवर्सिटी पहुंचे थे। वहां महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाने के बाद उन्होंने कहा- हमने कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेन्सियो से मुलाकात की। उनसे बातचीत के बाद सरकार ने बयान वापस ले लिया है।
वहीं रोसा योलांडा ने कहा कि भारत की तरफ से हमें पूरी स्थिति की डिटेल जानकारी मिली है। कश्मीर में जो कुछ हुआ, वहां संघर्ष की वास्तविक स्थिति के बारे में भारत ने हमें जो कुछ भी बताया है, वह जानने के बाद हम बातचीत जारी रख सकते हैं।
कोलंबियाई सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय हमलों से पाकिस्तानियों की मौत पर दुख जताया था। थरूर ने गुरुवार को कोलंबिया में इसकी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि भारत कोलंबिया की प्रतिक्रिया से निराश है। भारत ने सेल्फ-डिफेंस में हमला किया था। हमला करने और बचाव करने में फर्क होता है।
केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखने के लिए 7 ऑल पार्टी डेलिगेशन को अलग-अलग देशों में भेजा है। थरूर एक डेलिगेशन को लीड कर रहे हैं। यह डेलिगेशन पनामा और गुयाना का दौरा करने के बाद गुरुवार को कोलंबिया पहुंचा था। डेलिगेशन शनिवार को ब्राजील और अमेरिका के लिए रवाना होगा।
थरूर के नेतृत्व वाले डेलिगेशन में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता, JMM सांसद सरफराज अहमद, TDP सांसद जीएम हरीश बालयोगी, शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा, शिवसेना के मल्लिकार्जुन देवडा और अमेरिका में पूर्व भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू शामिल हैं।
दूसरी तरफ, कांग्रेस नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को जकार्ता में कहा कि भारत पाकिस्तान नहीं है, बल्कि उससे कहीं बड़ा और मजबूत देश है जिसकी दुनिया में एक बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जो जरूरी था वो किया; लेकिन फिर हम रुक गए, क्योंकि भारत न तो पाकिस्तान की जमीन पर कब्जा करना चाहता है और न ही उसे बर्बाद करना। हम सिर्फ अपनी सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा करना चाहते हैं।
खुर्शीद ने कहा कि भारत को दुनिया में जो सम्मान मिला है वो सिर्फ उसकी ताकत की वजह से नहीं, बल्कि इस वजह से भी कि भारत ने अपनी ताकत पर भरोसा दिखाया और संयम रखा।
उन्होंने कहा कि अगर हम लड़ाई को और आगे बढ़ाते तो क्या हमें इंडोनेशिया में ऐसा सम्मान मिलता? भारत नेतृत्व करना चाहता है, और जब हम ऐसा सोचते हैं तो खुद को पाकिस्तान के स्तर पर नहीं ला सकते।
उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत को पाकिस्तान के साथ जोड़कर न देखा जाए, बल्कि अलग पहचान के तौर पर देखा जाए। हमारी साझा संस्कृति, एक साथ मिलकर जीने और जीवन को उत्सव की तरह मनाने की परंपरा ही हमारी असली खूबसूरती है। हम देशभक्त हैं, हमें इंसानियत में विश्वास है, और हम अपने देश से इसलिए प्यार करते हैं, क्योंकि हमारे लिए भारत हमारी मां है।