उत्तराखंड 30 मई – उत्तराखंड के कोटद्वार स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने 30 मई 2025 को बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों आरोपियों — पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता — को दोषी ठहराया। अदालत ने इन्हें भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 354 (महिला की गरिमा भंग करने का प्रयास) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी माना है ।
मामला क्या था?
19 वर्षीय अंकिता भंडारी, पौड़ी जिले की निवासी थीं और ऋषिकेश के पास स्थित वनांत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं। 18 सितंबर 2022 को वह लापता हो गईं, और छह दिन बाद उनका शव चिल्ला नहर से बरामद हुआ ।
जांच में सामने आया कि रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, जो पूर्व भाजपा नेता विनोद आर्य के पुत्र हैं, ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर अंकिता पर अवैध गतिविधियों के लिए दबाव डाला। जब अंकिता ने इसका विरोध किया, तो तीनों ने मिलकर उसे चिल्ला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी ।
न्यायिक प्रक्रिया
विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले में 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 47 गवाहों के बयान शामिल थे। अंतिम बहस 19 मई 2025 को पूरी हुई, जिसके बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने 30 मई को फैसला सुनाया ।
परिवार की प्रतिक्रिया
अंकिता की मां, सोनी देवी, ने अदालत से दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उन्होंने कहा, “मैं उत्तराखंड की जनता से अपील करती हूं कि वे हमारा साथ दें और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएं” ।
सुरक्षा व्यवस्था
फैसले के दिन अदालत परिसर में भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। पौड़ी जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कोर्ट के 100 मीटर के दायरे को ‘जीरो जोन’ घोषित किया गया था, जहां केवल सरकारी कर्मचारी और अदालत से जुड़े लोग ही प्रवेश कर सकते थे ।
तीनों दोषियों की सजा की घोषणा जल्द ही की जाएगी। यह फैसला उत्तराखंड में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली में विश्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।