नई दिल्ली,28 मई : गुजरात ATS ने 24 मई को कच्छ से एक शख्स सहदेव सिंह गोहिल को गिरफ्तार किया था। सहदेव बीएसएफ और नेवी की मौजूदा सैन्य इकाइयों की फोटो-वीडियो वॉट्सएप के जरिए पाकिस्तानी एजेंट को भेज रहा था। गोहिल कच्छ के लखपत तालुका में स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी कर रहा था।
ATS के मुताबिक, जून 2023 में एक महिला ने खुद को अदिति भारद्वाज बताकर गोहिल से वॉट्सएप पर संपर्क किया था। बताया जा रहा है कि गोहिल को पहली बार संवेदनशील सूचनाएं भेजने पर 40 हजार रुपए कैश मिले थे। गोहिल फिलहाल एटीएस की रिमांड पर है। एटीएस एक-एक कड़ियां जोड़कर जासूसी की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
इस बारे में दिव्य भास्कर ने गुजरात एटीएस के डीआईजी सुनील जोशी ने बातचीत की। उन्होंने संदेह जताया कि गोहिल द्वारा भेजी गई संवेदनशील जानकारी का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कच्छ के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन हमलों के लिए किया था।
पाकिस्तान ने इंडियन फोर्स के इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारियां मांगी थी डीआईजी सुनील जोशी ने कहा- आमतौर पर खुफिया एजेंसी अपने जाल में फंसे व्यक्ति से यह जानकारियां मांगती हैं कि नेवी या तटरक्षक जहाज किस बंदरगाह पर खड़ा है और किस दिशा में जा रहा है। क्योंकि, ये जानकारियां उन्हें सुरक्षा बलों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करती है। हालांकि, इस मामले में पाकिस्तानी एजेंसियों ने जहाज की नहीं, बल्कि कच्छ में सुरक्षा बलों की इमारतों और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर की फोटो-वीडियो मांगे थे। यहां तक कि जिन महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों के पास सहदेव सिंह को भेजा गया था, उनके गूगल मैप की भी जानकारी मांगी गई थी।
तो क्या इससे पाकिस्तान को कच्छ में ड्रोन हमले करने में मदद मिली? इस बारे में डीआईजी जोशी ने कहा- पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पीओके में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। अगले ही दिन पाकिस्तान ने गुजरात के कच्छ समेत देश के सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन हमले शुरू कर दिए।
इस बात की पूरी आशंका है कि पाकिस्तानी सेना ने सहदेव सिंह से प्राप्त जानकारी का इस्तेमाल कच्छ में ड्रोन हमले के लिए किया था। एटीएस जांच कर रही है कि सहदेव सिंह ने अब तक नेवी के कितने ठिकानों की जानकारी साझा की है। पाकिस्तान ने कच्छ में भुज और नलिया दो एयरबेसों को निशाना बनाया था। हमने नलिया के पास से एक ड्रोन का मलबा भी जब्त किया था।