नई दिल्ली , IPL में लीग स्टेज के 5 ही मैच बचे हैं। प्लेऑफ की 4 टीमें तो तय हो गई हैं, लेकिन पॉइंट्स टेबल के टॉप पर फिनिश करने की रेस अब भी जारी है। शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को हराकर उनके क्वालिफायर-1 खेलने की उम्मीदों को कम कर दिया। टीम ने बेंगलुरु को 42 रनों से हराया।
बेंगलुरु तीसरे नंबर पर खिसकी शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट खोकर 231 रन बनाए। जवाब में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु 189 पर ही सिमट गई। टीम को 42 रन से हार मिली।
- रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को 13 मैचों में चौथी हार मिली। टीम 8 जीत और एक बेनतीजा रहे मैच से मिले एक पॉइंट के सहारे 17 अंक हासिल कर सकी है। टीम अब अब तीसरे नंबर पर पहुंच गई है। उन्हें टॉप-2 में फिनिश करने के लिए लखनऊ के खिलाफ 27 मई को आखिरी मैच हर हाल में जीतना होगा।
- सनराइजर्स हैदराबाद को 13 मैचों में 5वीं जीत मिली। टीम 11 पॉइंट्स के साथ 8वें नंबर पर ही है, लेकिन सनराइजर्स ने बेंगलुरु के टॉप-2 में पहुंचने की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है। SRH अपना आखिरी मैच कोलकाता से 25 मई को खलेगी। इस मैच का पॉइंट्स टेबल पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों ही टीम टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी हैं।
आज टॉप में आ सकती है PBKS IPL में आज पंजाब किंग्स का सामना दिल्ली कैपिटल्स से होगा। PBKS के 12 मैचों में 8 जीत और 1 बेनतीजा मैच से 17 पॉइंट्स हैं। टीम प्लेऑफ में पहुंच चुकी है और आज का मैच जीतकर नंबर-1 पर भी पहुंच सकती है। अगर PBKS आज हारी तो टीम का टॉप-2 में फिनिश करना मुश्किल होगा।
DC बिगाड़ सकती है पंजाब का खेल 21 मई को मुंबई के हाथों मिली 59 रन की हार से दिल्ली पहले ही प्लेऑफ से बाहर हो चुकी है। टीम आज PBKS का गणित भी बिगाड़ सकती है। दिल्ली के 13 मैचों में 6 जीत और एक बेनतीजा मैच से 13 पॉइंट्स हैं।
टॉप-2 में रहना क्यों जरूरी? IPL में फाइनल खेलने के लिए प्लेऑफ सिस्टम अपनाया जाता है, जिसमें टॉप-2 पोजिशन में फिनिश करने वाली टीमें क्वालिफायर-1 में भिड़ती हैं। इस मुकाबले को जीतने वाली फाइनल में पहुंचती है, वहीं हारने वाली टीम के पास फाइनल में पहुंचने का एक और मौका रहता है।
3 और 4 नंबर पर रहने वाली टीमों के बीच एलिमिनेटर होता है, इसे जीतने वाली टीम क्वालिफायर-2 में क्वालिफायर-1 हारने वाली टीम से भिड़ती है। वहीं एलिमिनेटर हारने वाली टीम बाहर हो जाती है। फाइनल में पहुंचने के ज्यादा मौकों को देखते हुए ही टीमें टॉप-2 पोजिशन में रहना चाहती हैं।