- संबंधित विभागों और संस्थानों के साथ अगले सप्ताह बैठक करने के निर्देश
नई दिल्ली । 22 मई 25 । दिल्ली सरकार युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने के अपने संकल्प के तहत वर्ष 2025-26 में एक बड़े रोजगार मेले (जॉब फेयर) का आयोजन करने जा रही है। इस संबंध में दिल्ली सरकार के श्रम (रोजगार) मंत्री कपिल मिश्रा ने रोजगार निदेशालय के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक का उद्देश्य दिल्ली के युवाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु रणनीति तैयार करना तथा विभिन्न विभागों व औद्योगिक संगठनों के साथ समन्वय स्थापित करना था।
मिश्रा ने बताया कि वर्ष 2025-26 के बजट में रोजगार मेले का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत दिल्ली के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए एक साझा मंच तैयार किया जाएगा जहाँ जॉब तलाशने वाले युवा और जॉब देने वाले संस्थान सीधे संपर्क कर सकेंगे। इस दिशा में पहला विशाल जॉब मेला जुलाई 2025 में आयोजित करने का प्रस्ताव है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि FICCI, DICCI (Dalit Indian Chamber of Commerce Industry) CII, PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, दिल्ली स्किल एंड एंटरप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी (DSEU), शिक्षा विभाग की वोकेशनल ब्रांच, जीजीआईपीयू के अंतर्गत आने वाले कॉलेज/संस्थान, होटल, अस्पताल आदि सभी को रोजगार देने वाले संभावित संस्थानों और युवाओं के डेटा को इकट्ठा करने के लिए पत्र/ईमेल के माध्यम से सूचना भेजी जाएगी।
श्रम मंत्री ने निर्देश दिए कि प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग व शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले सभी तकनीकी संस्थानों व विश्वविद्यालयों से विद्यार्थियों के प्लेसमेंट तथा रोजगार उपलब्ध कराने वाली कंपनियों की जानकारी शीघ्र एकत्रित की जाए।
इसके अलावा, अगले सप्ताह सभी संबंधित विभागों और संस्थानों के साथ बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिसमें रोजगार मेले के आयोजन स्थल का चयन, प्रतिभागियों की अनुमानित संख्या, संस्थानों द्वारा भेजे जाने वाले आमंत्रण, संभावित नियुक्तियों की संख्या, और भाग लेने वाले नियोक्ताओं एवं उम्मीदवारों की गणना पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
दिल्ली सरकार का यह प्रयास युवाओं को न केवल रोजगार देने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि निजी एवं सरकारी संस्थानों के साथ साझेदारी को भी मजबूत करेगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ता मिलेगी।