नई दिल्ली,21 मई । विवादों में घिरी ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अग्रिम जमानत दी। जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने पूजा को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा- पूजा ने कौन सा बड़ा अपराध कर दिया। वह कोई ड्रग माफिया या आतंकवादी नहीं है। उन पर हत्या (धारा 302) का आरोप नहीं है।
कोर्ट ने आगे कहा- आपके पास कोई सिस्टम या सॉफ्टवेयर होना चाहिए, जिससे इस तरह की जांच समय पर हो। उसने सब कुछ खो दिया है, अब कहीं नौकरी नहीं मिलेगी।
जस्टिस नागरत्ना ने कहा- इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही जमानत देनी चाहिए थी। दिल्ली पुलिस के वकील ने जमानत का विरोध किया। कहा कि पूजा जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं।
पूजा खेडकर पर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और दिव्यांगता कोटे से आरक्षण लेने के लिए धोखाधड़ी करने का आरोप है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश पलट दिया सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट का 23 दिसंबर 2024 का आदेश पलट दिया था। पूजा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश में कुछ ऐसी टिप्पणी हैं जो ट्रायल शुरू होने पर पूजा के खिलाफ प्रयोग हो सकते हैं। इस पर बेंच ने UPSC और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया था।
पूजा पुणे में ट्रेनी अफसर की ट्रेनिंग कर रही थीं। इस दौरान उन पर सुविधाएं मांगने का आरोप लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के चैंबर पर कब्जा करने की शिकायत भी सामने आई। उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार में लाल बत्ती और ‘महाराष्ट्र सरकार’ की प्लेट लगवाई।
पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया। इसके बाद मामले की जांच की गई तो पता चला कि उन्होंने UPSC में सिलेक्शन पाने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल किया। जांच आगे बढ़ी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि यह न केवल एक संवैधानिक निकाय के साथ बल्कि समाज और पूरे देश के साथ धोखाधड़ी है। हाईकोर्ट ने माना था कि पूजा के माता-पिता बड़े पदों पर थे। इससे प्रभावशाली व्यक्तियों से मिलीभगत की आशंका का संकेत मिलता है।
इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 1 अगस्त, 2024 को पूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद पूजा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची थीं।