नई दिल्ली 17 मई 25 । दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि यह खेदपूर्ण है की आम आदमी पार्टी के हारे हताश नेता अपनी पार्टी के नगर निगम दल में बड़े विघटन के लिए भाजपा पर दोषारोपण कर रहे हैं जबकि पार्टी छोड़ने की प्रेस कांफ्रेंस हो या पार्टी से इस्तीफे का पत्र दोनों में ही “आप” छोड़ अलग पार्टी बनाने वाले पार्षद नेताओं ने स्पष्ट कहा है की 2022 चुनाव के बाद से ही “आप” नेताओं ने ना निगम प्रशासन चलाने पर ध्यान दिया ना ही उनसे समन्वय बनाने पर ऐसे में साफ है की भाजपा का इनसे कोई लेना देना नही।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की अपनी हठधर्मी के चलते अरविंद केजरीवाल ने नगर निगम की स्थाई समिति का गठन नही होने दिया और ना ही कभी अपने पार्षदों से संवाद बनाया और उसी का नतीज़ा है की आधे से अधिक कार्यकाल खत्म होने के बाद भी “आप” पार्षद कोई विकास कार्य नही शुरू करा पाये।
वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि ठप्प विकास के चलते आगामी चुनाव में जनता के बीच जाने की कल्पना से भयभीत 15 पार्षदों ने आज अपनी अलग पार्टी बनाने का निर्णय लिया।
बेहतर होगा की भाजपा पर पार्टी विघटन का दोषारोपण करने की बजाये “आप” नेता आत्म चिंतन कर सोचें की पार्टी नेतृत्व द्वारा उपेक्षा का आरोप लगाने वाले यह 15 पार्षद कोई पहले नेता नही। इससे पूर्व 3 मंत्रियों सहित 15 से अधिक विधायक, 10 से अधिक पार्षद और एक राज्य सभा सांसद अरविंद केजरीवाल पर समन्वय के बिना पार्टी चला कर पार्टी को बर्बाद करने का आरोप लगा चुके हैं।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की सच यह है की “आप” के दस साल के विकास के विनाश, भ्रष्टाचार एवं घोटालों से त्रस्त पार्षदों एवं विधायकों ने पार्टी छोड़ी है।
दुखद है की अपनी ग़लतियों को स्वीकारने की बजाये “आप” नेता भाजपा पर दोषारोपण कर रहे हैं।