नई दिल्ली,15 मई । – रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद और भारत की सुरक्षा नीति को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि आतंकवादियों ने लोगों को धर्म देखकर मारा, लेकिन भारतीय सेना और सुरक्षा बलों ने उन्हें उनके “कर्म” यानी कर्मों के आधार पर जवाब दिया।
रक्षा मंत्री ने कहा, “हमने कभी भी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करते समय किसी का धर्म नहीं देखा। हमारी कार्रवाई उनके कर्मों के आधार पर होती है। आतंकवादी धर्म के नाम पर निर्दोष लोगों की जान लेते हैं, जबकि हम सिर्फ उनके आतंकवादी कृत्यों का जवाब देते हैं।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत की सुरक्षा नीति अब ‘रक्षात्मक’ नहीं बल्कि ‘आक्रामक रक्षात्मक’ (proactive defensive) बन चुकी है। उन्होंने 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक का हवाला देते हुए कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं बैठता बल्कि जवाब देता है।
राजनाथ सिंह ने कहा, “हमने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत केवल अपने नागरिकों की रक्षा करना ही नहीं जानता, बल्कि जरूरत पड़ने पर सीमा पार जाकर भी कार्रवाई कर सकता है।”
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति और तकनीकी क्षमता अब वैश्विक स्तर पर सराही जा रही है। उन्होंने स्वदेशी रक्षा निर्माण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का भी उल्लेख किया, जिसमें देश रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता घटाकर घरेलू निर्माण को बढ़ावा दे रहा है।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने कहा, “भारत की नीति अब स्पष्ट है – आतंकवाद किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम न केवल खुद को सुरक्षित रखेंगे बल्कि आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई भी करेंगे।”
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