भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम पर विश्व मीडिया की प्रतिक्रियाएं: शांति की आशा या अस्थायी विराम?

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नई दिल्ली, 12 मई – भारत पाकिस्तान के बीच 4 दिन तक चला संघर्ष 10 मई की शाम 5 बजे थम गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर दोनों के बीच सीजफायर की घोषणा की। इसके बाद दोनों देशों के अधिकारियों की तरफ इसकी पुष्टि की गई।

4 दिनों तक चले संघर्ष के बाद हुए इस सीजफायर पर लेकर दुनिया भर की मीडिया का रिएक्शन भी आया। अमेरिका मीडिया ने सीजफायर के लिए ट्रम्प को क्रेडिट देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

दूसरी तरफ कुछ अखबारों ने सीजफायर के बाद भी खतरे की आशंका जताई।

न्यूयॉर्क टाइम्स ने सीजफायर पर रिएक्शन देते हुए लिखा कि भारत-पाकिस्तान के बीच खतरा अभी टला नहीं है। NYT के मुताबिक आने वाले समय में ऐसे और भी संघर्ष हो सकते हैं।

टाइम्स ने लिखा,

“भले ही दोनों देश जंग की कगार से पीछे हट गए हैं, लेकिन इस संघर्ष में बहुत कुछ नया था। नई मिलिट्री टेक्नोलॉजी ने हवाई हमलों को तेज कर दिया है। पहली बार दोनों के संघर्ष में सैकड़ों हथियारबंद ड्रोन भी शामिल हुए।”

अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा कि अमेरिका ने भारत-PAK में संघर्ष विराम कराने में मदद की, लेकिन पूछा कि क्या यह टिक पाएगा?

चार रात तक भारत और पाकिस्तान के प्रमुख शहरों के आसमान में मिसाइलें और ड्रोन उड़ते रहे। परमाणु हथियार से संपन्न पड़ोसी देश पूरी तरह युद्ध की तरफ बढ़ रहे थे। फिर अचानक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने संघर्षविराम की घोषणा कर दी।

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू होता दिख रहा है। दोनों पक्षों ने इस सहमति पर अपनी प्रतिबद्धता जता रहे हैं। इसकी वजह से दो परमाणु हथियार वाले देशों के बीच दशकों में हुई सबसे बड़ी रुक गई है।

पिछले महीने पहलगाम में पर्यटकों को नरसंहार के बाद दोनों देशों में यह संघर्ष भड़क उठा था। 7 मई से शुरू हुए इस संघर्ष में दर्जनों लोग मारे गए।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सबसे पहले सीजफायर की घोषणा की थी। साथ ही इसे फाइनल करने में अमेरिका की भूमिका को लेकर श्रेय भी लिया था।

फ्रांसीसी अखबार फ्रांस 24 ने 10 मई की शाम हुए सीजफायर और उसी रात सीजफायर उल्लंघन पर प्रतिक्रिया दी। अखबार ने लिखा कि रात भर चली चली झड़पों के बावजूद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर जारी है।

दोनों के बीच चार दिनों तक चली यह लड़ाई पिछले 3 दशकों में सबसे भीषण थी। दोनों ने एक दूसरे के सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन दागे। दर्जनों लोग मारे गए।

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