कर्नाटक , 12 मई – कर्नाटक पुलिस ने पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सुब्बन्ना अय्यप्पन की संदिग्ध परिस्थिति में मौत की जांच शुरू कर दी है। वह शनिवार को श्रीरंगपटना के निकट कावेरी नदी में मृत पाए गए थे। 70 वर्षीय अयप्पन कृषि और मत्स्य पालन वैज्ञानिक थे और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICMR) का नेतृत्व करने वाले पहले गैर-फसल वैज्ञानिक थे।
रविवार को कर्नाटक पुलिस ने बताया कि पुलिस को नदी में तैरते हुए एक शव के बारे में लोगों से सूचना मिलने के बाद उनका शव बरामद किया गया। उनका दोपहिया वाहन नदी किनारे पाया गया और संदेह है कि अयप्पन ने नदी में छलांग लगाई होगी।
हालांकि, पुलिस का कहना है पूरी जांच के बाद ही उनकी मौत के सही कारणों की पुष्टि की जा सकती है। सुब्बन्ना के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और का इंतजार किया जा रहा है।
7 मई से गायब थे
अयप्पन मैसूर के निवासी थे। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। घरवालों ने बताया कि अयप्पन 7 मई से गायब थे, 8 मई को मैसूर के विद्यारण्यपुरम पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। वह श्रीरंगपटना में कावेरी नदी के तट पर स्थित साईंबाबा आश्रम में अक्सर ध्यान किया करते थे।
अयप्पन को 2022 में पद्मश्री दिया गया
भारत की ‘नीली क्रांति’ में अहम भूमिका निभाने वाले अयप्पन को 2022 में पद्मश्री दिया गया था। इसी बीच, ICAR पूर्व सदस्य वेणुगोपाल बदरवाड़ा ने पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुब्बान्ना अयप्पन की ‘असामयिक और रहस्यमयी’ मौत की कोर्ट की निगरानी में CBI जांच की मांग की है। उनका आरोप है कि यह घटना ICAR में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करती है।