डी.डी.ए. करेगा विधानसभा को हेरिटेज बिल्डिंग बनने के प्रयासों में हर संभव मदद: विनय सक्सेना

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  • सौर ऊर्जा से न केवल विधानसभा रोशनी होगी, बल्कि भविष्य की राह भी रोशन भी रोशन होगी – विजेंद्र गुप्ता
  •  सरकार दिल्ली वासियों को सौर पैनल लगाने में हर संभव सहायता देगी – रेखा गुप्ता
  • उपराज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ने 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र की रखी आधारशिला

नई दिल्ली । 12 मई 25 । दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना एवं विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज विधानसभा परिसर में 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र की आधारशिला रखी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

यह अभिनव परियोजना दिल्ली विधानसभा को देश की पहली ऐसी विधानसभा बनाएगी, जो पूरी तरह सौर ऊर्जा पर चलेगी और सतत व जिम्मेदार शासन का राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगी।

सौर ऊर्जा संचालित विधानसभा की पहल की सराहना करते हुए सक्सेना ने कहा, “आज रखी गई यह आधारशिला सिर्फ एक सौर संयंत्र के लिए नहीं, बल्कि स्वच्छ और हरित भविष्य के लिए है, जो जिम्मेदार शासन की नींव है।” उन्होंने बताया कि संयंत्र की क्षमता 200 किलोवाट से बढ़ाकर 500 किलोवाट की गई है, जो स्थान और तकनीकी सीमाओं के बावजूद संभव हुआ-यह दिल्ली की नए स्वरूप और निरंतर विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विनय सक्सेना ने यह भी कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डी.डी.ए.) विधानसभा को धरोहर स्थल घोषित करने के प्रयासों में पूरा सहयोग देगा। उन्होंने कहा, “मैंने पहले भी विधानसभा का दौरा किया है, इसकी समृद्ध विरासत की रक्षा करना मेरा उद्देश्य है।”

विनय सक्सेना ने विधानसभा अध्यक्ष को इस पहल को साकार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए बधाई दी और उनके सक्रिय दृष्टिकोण व सतत विकास के प्रति समर्पण की सराहना की।

विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विधानसभा के आधुनिकीकरण और निरंतर विकास से जुड़ी पहलों की जानकारी दी, जिनमें विधानसभा पुस्तकालय का डिजिटलीकरण, नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA), लाइट एंड साउंड शो और बुनियादी ढांचे का नवीनीकरण शामिल है, ताकि विधानसभा को धरोहर के रूप में संरक्षित किया जा सके।
इसका मुख्य आकर्षण सौर ऊर्जा परियोजना है, जिससे हर महीने लगभग ₹15 लाख की बिजली की बचत होगी। अतिरिक्त बिजली उत्पादन के कारण यह मॉडल राजस्व उत्पन्न करने वाला भी बन सकता है। इस बचत से न केवल सौर ऊर्जा उपकरणों की लागत की भरपाई होगी, बल्कि विधानसभा की दीर्घकालिक विद्युत आवश्यकताएं भी पूरी होंगी, जिससे बिजली बिल शून्य हो जाएंगे।

विधानसभा अध्यक्ष ने यह भी कहा कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाएगी, बल्कि जनता को भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली के लोग भी सौर ऊर्जा को अपनाएंगे । सौर ऊर्जा परियोजना से होने वाली विधानसभा की ₹1.75 करोड़ की बिजली बचत विकास कार्यों में लगाई जा सकेगी।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल पीएम-सूर्य घर योजना के अनुरूप है, जिससे दिल्ली देश की पहली ऐसी विधानसभा बनेगी जो पूरी तरह अक्षय ऊर्जा पर चलेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस योजना के तहत नागरिकों को सौर ऊर्जा अपनाने पर ₹78,000 तक की सब्सिडी मिलेगी। रखा गुप्ता ने आगे बताया कि दिल्ली की मौजूदा बिजली मांग लगभग 8,000 मेगावाट है, जो जल्द ही 9,000 मेगावाट तक पहुंच सकती है-ऐसे में सौर ऊर्जा पर निर्भरता इस बढ़ती मांग को सतत रूप से पूरा करने में मदद करेंगी।

दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह (लोक निर्माण विभाग) और आशीष सूद (ऊर्जा) ने भी इस पहल का समर्थन किया और अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के नेतृत्व की सराहना की। दोनों मंत्रियों ने यह उम्मीद जताई कि विधानसभा की इस पहल से दिल्ली के लोग भी सौर ऊर्जा को अपनाएंगे जिससे ‘क्लीन दिल्ली, ग्रीन दिल्ली’ का सपना पूरा हो सकेगा और दिल्ली अन्य राज्यों के लिए मिसाल बनेगी ।

कार्यक्रम के समापन में, विधानसभा उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने जनप्रतिनिधियों की जनकल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा, “सौर ऊर्जा संचालित विधानसभा सतत शासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहला कदम होगा।”

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