ध्वनि प्रदूषण के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी सख्त कार्यवाही – मनजिंदर सिंह सिरसा

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ध्वनि प्रदूषण नियमों के उल्लंघन की शिकायत पर होगी तुरंत कार्रवाई

 

नई दिल्ली I 9 मई 2025 । दिल्ली सरकार ने प्रदूषण के विभिन्न कारकों में से एक ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ कार्रवाई को मजबूती देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावी मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के कुशल नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए पहली बार नगर निकायों एवं अन्य संबंधित विभागों को सीधे तौर पर ध्वनि प्रदूषण नियमों के उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार दिया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस आशय के निर्देश जारी कर दिए हैं। इस फैसले के बाद अब नागरिकों के लिए ध्वनि प्रदूषण की शिकायतें दर्ज कराने और प्रभावी कार्रवाई करवाने का रास्ता आसान हो गया है। सरकार का यह कदम विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और जानवरों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिन्हें अपने आस-पास अत्यधिक शोर के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है।

पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “यह मुद्दा काफी समय से लंबित था। दिल्ली सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि नागरिकों को ध्वनि प्रदूषण से संबंधित समस्याओं का समाधान आसानी से हो सके। “आगे उन्होंने कहा, “हम प्रदूषण के नियमों को प्रभावी स्थानीय भागीदारी एवं कार्रवाई के माध्यम से लागू कर रहे हैं। यह पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रण में करने के लिए ध्वनि प्रदूषण (नियमन एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2000 (Noise Pollution Regulation and Control Rules, 2000) में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिनमें स्थानीय निकायों को सशक्त किया गया है। संशोधित नियमों के मुताबिक अब नगर निगमों और स्थानीय निकायों के अधिकारी राजधानी में ध्वनि प्रदूषण नियमों का उल्लंघन करने वालों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई कर सकेंगे। उनके अलावा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को भी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है। साथ ही डिप्टी कमिश्नर (राजस्व), सबडिवीजनल मजिस्ट्रेट (राजस्व), पुलिस कंट्रोल रूम के सहायक पुलिस आयुक्त, सभी सबडिवीजनल पुलिस अधिकारी (रेलवे और हवाई अड्डों सहित) और असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) भी अब प्रदूषण नियंत्रण नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया आरंभ करने के लिए सक्षम होंगे। इन अधिकारियों को जांच और नोटिस जारी करने समेत अभियोजन एवं रोकथाम की कार्रवाई करने का अधिकार होगा।

अधिकार क्षेत्र में इस विस्तार से उस कमी को दूर करने की कोशिश की गई है, जिसके तहत पहले अधिकारियों के सिर्फ एक सीमित वर्ग को ही ध्वनि प्रदूषण नियमों के तहत कार्रवाई करने का अधिकार प्राप्त था। सरकार के इस निर्णय से विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और पशुओं को राहत मिलेगी जो अपने आस-पास हो रहे अत्यधिक शोर से परेशान होते हैं। नये नियम में अब नागरिकों को भी यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ किससे शिकायत करनी है, ताकि शिकायत निवारण की प्रक्रिया तेज, स्थानीय और अधिक जवाबदेह हो सके।

मंत्री ने कहा, “प्रदूषण नियंत्रण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। चाहे वायु प्रदूषण हो, ध्वनि प्रदूषण हो या जल प्रदूषण —हमारा दृष्टिकोण साफ है। हम सिर्फ नीतियों पर निर्भर नहीं हैं। हम स्थानीय अधिकारियों को सशक्त कर उनके माध्यम से योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी नागरिक को लाउडस्पीकर या साइलेंस ज़ोन में होने वाले निर्माण कार्य का शोर झेलने के लिए मजबूर न होना पड़े।”

यह कदम राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के निर्देशों और वरिष्ठ पर्यावरण अधिकारियों, कानूनी सलाहकारों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ की गई व्यापक समीक्षा बैठकों के बाद उठाया गया है। यह महत्वपूर्ण कदम दिल्ली सरकार की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहतर समन्वय के साथ बिना समय गंवाए समस्या का समाधान करने के लिए लगातार प्रयासरत है।

यह निर्णय दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग द्वारा विधि विभाग, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) एवं अन्य संबंधित निकायों से परामर्श के आधार पर माननीय मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल की स्वीकृति के बाद लिया गया है। इस कदम का मकसद ध्वनि प्रदूषण नियमों को और अधिक प्रभावी बनाना है ताकि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।

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