नई दिल्ली: 8 मई 25 I केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) दक्षिण दिल्ली आयुक्तालय ने एक चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा की जा रही ₹7.85 करोड़ (लगभग) की फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) धोखाधड़ी का सफलतापूर्वक भंडाफोड़ किया है। यह धोखाधड़ी 80 से अधिक जीएसटीआईएन के दुरुपयोग के माध्यम से की गई थी, जिनमें से अधिकांश पालम/द्वारका क्षेत्र में स्थित थे और आरोपित चार्टर्ड अकाउंटेंट के ईमेल आईडी एवं मोबाइल नंबर से जुड़े हुए पाए गए। जांच के दौरान 31 जीएसटीआईएन के एक मुख्य नेटवर्क की पहचान की गई, जो सर्कुलर ट्रेडिंग में संलिप्त थे, जिनमें कोई वास्तविक माल या सेवा की आपूर्ति नहीं हुई थी। 12 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिनमें से कई फर्में अस्तित्व में ही नहीं थीं। इस दौरान महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए और संबंधित व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए। अनेक करदाताओं ने स्वीकार किया कि वे पूरी तरह से उक्त चार्टर्ड अकाउंटेंट पर निर्भर थे और उनके जीएसटी पोर्टल लॉगिन एवं फाइलिंग का नियंत्रण उसी के पास था। उक्त कृत्य सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 132(1)(b) एवं 132(1)(c) के अंतर्गत आते हैं, जो कि धारा 132(5) के अनुसार गंभीर एवं गैर-जमानती अपराध हैं और धारा 132(1)(i) के तहत दंडनीय हैं। तदनुसार, आरोपी को धारा 69(1) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया और 07 जून 2025 को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने उसे 21 मई 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यह मामला जीएसटी प्रणाली के दुरुपयोग, पहचान की चोरी, लॉगिन क्रेडेंशियल्स के अनुचित उपयोग और साजिशपूर्ण सर्कुलर ट्रेडिंग के जरिये किए जा रहे संगठित कर चोरी के गंभीर पहलुओं को उजागर करता है। मामले की जांच जारी है, ताकि फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थियों की पहचान की जा सके और उन्हें कानून के दायरे में लाया जा सके।
दक्षिण दिल्ली सीजीएसटी आयुक्तालय ने किया 7.85 करोड़ की जीएसटी धोखाधड़ी का भंडाफोड़
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