दिल्ली कैबिनेट में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड-सीडिंग ट्रायल्स को दी मंजूरी*
नई दिल्ली, 8 मई 2025 I दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया। सरकार ने ‘दिल्ली-एनसीआर के लिए क्लाउड-सीडिंग का तकनीकी परीक्षण और मूल्यांकन’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण और कम बारिश से प्रभावी ढंग से निपटना है।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि ‘हर क्लाउड-सीडिंग ट्रायल की लागत लगभग ₹55 लाख होगी। पांच ट्रायल्स के लिए कुल अनुमानित खर्च ₹2.75 करोड़ है। इसके अलावा, एक बार की व्यवस्था जैसे एयरक्राफ्ट की कैलिब्रेशन, कैमिकल स्टोरेज और लॉजिस्टिक के लिए ₹66 लाख 1का खर्च तय किया गया है। इस तरह प्रोजेक्ट की कुल लागत ₹3.21 करोड़ होगी।’
इस प्रोजेक्ट को आईआईटी कानपुर के दिशा निर्देश में संचालित किया जाएगा, जो पूरे प्रोजेक्ट की योजना, एयरक्राफ्ट की तैनाती, कैमिकल के छिड़काव, वैज्ञानिक मॉडलिंग और ट्रायल्स की निगरानी करेगा। दिल्ली सरकार इस ट्रायल के लिए आईआईटी कानपुर को फंड जारी करेगी।
पहली ट्रायल मई के अंत या जून 2025 में हो सकती है, जो लगभग 100 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में, मुख्यतः दिल्ली के बाहरी इलाकों में की जाएगी। इस चरण में कुल पाँच ट्रायल्स प्रस्तावित हैं। ट्रायल के बाद वैज्ञानिक रूप से इसका मूल्यांकन किया जाएगा कि क्लाउड-सीडिंग वायु गुणवत्ता और वर्षा पर कितना प्रभाव डालती है।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि प्रोजेक्ट के संचालन से पहले सरकार को 13 अहम विभागों और एजेंसियों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लेने होंगे। इनमें डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, पर्यावरण मंत्रालय, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अन्य विभाग शामिल हैं।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता वाली कैबिनेट में पास हो चुका है। हम जल्द से जल्द ट्रायल शुरू करना चाहते हैं ताकि प्रदूषण के गंभीर समय में क्लाउड-सीडिंग एक विकल्प बन सके। यह योजना हमारे अन्य प्रयासों जैसे एआई-आधारित मॉनिटरिंग और 24×7 निगरानी को भी सशक्त करेगी।”
उन्होंने आगे कहा, “टेक्नोलॉजी को प्रदूषण के खिलाफ हमारी लड़ाई में सबसे आगे होना चाहिए। रेखा गुप्ता की सरकार, दिल्ली के लोगों को स्वच्छ हवा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, और यह परियोजना इस दिशा में एक दूरदर्शी, वैज्ञानिक और साहसिक पहल है।”
“क्लाउड-सीडिंग एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसमें सिल्वर आयोडाइड जैसे तत्वों को बादलों में डाला जाता है ताकि बारिश की संभावना बढ़ाई जा सके। दिल्ली जैसे शहरों में इसे प्रदूषण कम करने और बारिश की कमी दूर करने के लिए एक संभावित उपाय के रूप में देखा जा रहा है।