मंगला पुरी स्थित 66/11 KV GIS ग्रिड सब-स्टेशन का उद्घाटन ;
-दिल्ली को ग्रीन एनर्जी कैपिटल बनाने के लिए दिल्ली सरकार हर संभव प्रयास कर रही है
नई दिल्ली I 6 मई 25 I
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज मंगला पुरी में बीआरपीएल द्वारा निर्मित 66/11 केवी जीआईएस ग्रिड सब-स्टेशन का उद्घाटन किया। यह अत्याधुनिक सब-स्टेशन राजधानी की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को और अधिक मजबूत, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। इस अवसर पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री आशीष सूद, विधायक कुलदीप सोलंकी एवं अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बताया कि बीआरपीएल द्वारा निर्मित यह नया सब-स्टेशन जीआईएस (Gas Insulated Substation) तकनीक से लैस है, जो पारंपरिक एआईएस प्रणाली की तुलना में 35% ज़मीन की बचत करता है , पूरी तरह स्वचालित है और बीआरपीएल के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से रिमोट के माध्यम से संचालित किया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि दिल्ली सरकार ग्रीन एनर्जी कैपिटल बनाने के लक्ष्य को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार का लक्ष्य है कि राजधानी में 24×7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कि जाए। साथ ही एक ऐसी ऊर्जा व्यवस्था विकसित हो जो कि पर्यावरण-अनुकूल होने के साथ साथ भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। हमारी प्राथमिकता है कि हर घर, हर व्यापारिक परिसर तक किफायती दरों में बिजली पहुंचाई जाए। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार सोलर एनर्जी से लेकर स्मार्ट ग्रिड्स के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। हमारा उद्देश्य केवल बिजली उत्पादन करना नहीं, बल्कि वितरण में पारदर्शिता, तकनीकी दक्षता और उपभोक्ता संतुष्टि सुनिश्चित करना भी है।
उन्होंने आगे बताया कि इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आज दिल्ली के मंगला पुरी क्षेत्र में एक आधुनिक 66/11 KV सब-स्टेशन का उद्घाटन किया गया है। बीआरपीएल राजधानी पावर लिमिटेड द्वारा निर्मित यह सब-स्टेशन दिल्ली की विद्युत वितरण व्यवस्था को और अधिक मज़बूत, सुरक्षित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके शुरुआत से पालम के आसपास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता और गुणवत्ता को बेहतर , जिसके लिए डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में 63 MVA की क्षमता जोड़ी गई है।
मुख्यमंत्री ने सब-स्टेशन की प्रमुख विशेषताओं की जानकारी देते हुए बताया कि यह जीआईएस (Gas Insulated Substation) तकनीक पारंपरिक एआईएस प्रणाली की तुलना में लगभग 35% भूमि की बचत करती है, जिससे यह घनी आबादी वाले शहरी इलाकों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनती है। उन्होंने बताया कि यह पूरी तरह स्वचालित सब-स्टेशन बीआरपीएल के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष से रिमोट के माध्यम से संचालित किया जाएगा, जिससे संचालन में अधिक दक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित होगी। लगभग 1170 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में निर्मित यह केंद्र न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि आधुनिक डिजाइन और शहरी ऊर्जा ढांचे के उत्कृष्ट मॉडल के रूप में भी स्थापित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा ₹100 करोड़ की लागत से राजधानी में बिजली की ओवरहेड तारों को हटाकर तेज़ी से भूमिगत केबलिंग की जा रही है, जिससे न केवल सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि शहरी सौंदर्य में भी सुधार आएगा। यह कार्य चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा — पहले चरण में चिन्हित क्षेत्रों में काम शुरू होगा और अगले चरणों में इसे पूरे शहर में विस्तार दिया जाएगा। साथ ही, स्मार्ट ग्रिड, डेटा एनालिटिक्स और अन्य आधुनिक तकनीकों को ऊर्जा प्रणाली में समावेशित किया जा रहा है, ताकि भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं का कुशलतापूर्वक समाधान किया जा सके और दिल्ली की ऊर्जा व्यवस्था अधिक स्मार्ट, सुरक्षित और टिकाऊ बन सके।
पिछली सरकार पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में दो लाख से अधिक बार बिजली एक घंटे से ज़्यादा समय के लिए आउटेज रही। हमारी सरकार ने न केवल इस स्थिति में सुधार किया, बल्कि सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करते हुए राजधानी को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस पहल की है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछली सरकारें यह दुष्प्रचार करती थीं कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आई तो मुफ्त बिजली और पानी जैसी सुविधाएं समाप्त कर दी जाएंगी। लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है – हमने न केवल सभी योजनाओ को लागू रखा है बल्कि जनता के लिए और भी योजनाएं लागू की हैं। पहले की सरकारें केवल आरोप-प्रत्यारोप में लगी रहती थीं—कभी जल मंत्री धरने पर बैठते थे, तो कभी बिजली मंत्री हड़ताल पर चले जाते थे। आज दिल्ली को एक जिम्मेदार और जवाबदेह सरकार मिली है जो हर चुनौती का समाधान लेकर जनता के बीच मौजूद है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली को ग्रीन एनर्जी कैपिटल बनाने, सुंदर बनाने, सुरक्षित बनाने और समृद्ध गांवों के माध्यम से बेहतर दिल्ली का निर्माण करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी। दिल्ली अब पीछे नहीं चलेगी बल्कि वह अब नेतृत्व करेगी। अब आलोचना नहीं, निर्माण की राजनीति होगी। दिल्ली चमकेगी और हर घर रोशन होगा।
इस अवसर पर दिल्ली के ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में आज उद्घाटन किया गया यह जीआईएस ग्रिड सब-स्टेशन केवल ऊर्जा अवसंरचना का विस्तार नहीं है, बल्कि यह “Ease of Living” के हमारे संकल्प का मूर्त रूप भी है। इसे सिर्फ एक पावर स्टेशन न समझें—यह दिल्ली सरकार की प्रतिबद्धता और विकासशील सोच का प्रतीक है। यह अत्याधुनिक ग्रिड लगभग 25,000 परिवारों यानी 1.5 लाख से अधिक लोगों को विश्वसनीय और उच्च गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। सीमित भूमि उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए इसे जी+2 मॉडल पर विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार निर्माण की राजनीति में विश्वास रखती है और दिल्ली को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और पावर कैपिटल बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। यह ग्रिड न केवल वोल्टेज और ट्रिपिंग की समस्या का समाधान करेगा, बल्कि एफिशिएंट एनर्जी की दिशा में एक बड़ा कदम है। हम दिल्ली को भारत की सबसे विकसित राजधानी बनाने के मिशन पर हैं और आने वाले दिनों में ऐसे कई प्रोजेक्ट्स जनता को समर्पित करने की योजना है।