डायलिसिस जैसी जीवन रक्षक सुविधा हर जरुरतमंद मरीज का अधिकार है – डॉ. पंकज कुमार सिंह

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जरुरतमंद लोगों के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी डायलिसिस की सुविधा।

• दिल्ली सरकार के 16 सरकारी अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा।
• इलाज को बेहतर बनाने के लिए रेडियोलॉजिस्ट और ट्रेन्ड स्टाफ की तैनाती।

*नई दिल्ली, 7 मई 2025 I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार राजधानी में स्वास्थ्य सेवाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए सतत प्रयासरत है। इसी कड़ी में, दिल्ली के 16 सरकारी अस्पतालों में 300 डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। इस पहल से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को निःशुल्क तथा अन्य ज़रूरतमंदों को रियायती दरों पर किडनी उपचार/ डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

 

 

यह पहल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (PMNDP) और दिल्ली सरकार की पीपीपी डायलिसिस परियोजना के तहत की जा रही है। इसमें पहले से संचालित 150 मशीनों के साथ अब 150 नई मशीनें जोड़ी गई हैं। अब 150 नई डायलिसिस मशीने जुडने से अब यह संख्या 300 तक पहुंच गई है जिससे दिल्ली में स्वास्थ्य सुविधाओं को और गति मिलेगी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि, सरकार इस महत्वाकांक्षी पहल को स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानती है जिससे स्वस्थ्य दिल्ली के संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। डायलिसिस जैसी जीवन रक्षक सुविधा हर जरुरतमंद मरीज के लिए आवश्यक है। यह सुविधा विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब राजधानी में कोई भी मरीज पैसे की कमी के कारण डायलिसिस की सुविधा से वंचित नहीं रहेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, यह कदम केवल चिकित्सा सुविधा का विस्तार भर नहीं है, बल्कि सरकार की ओर से जनता के प्रति भरोसा दिलाने वाला संदेश है कि संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है।

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस प्रोग्राम के तहत फिलहाल दिल्ली सरकार के 10 प्रमुख अस्पतालों में 150 डायलिसिस मशीनें पहले से ही काम कर रही हैं, जिससे सैकड़ों मरीजों को नियमित रूप से डायलिसिस से उपचार की सुविधा मिल रही है।

जिन अस्पतालों में इस समय डायलिसिस की सुविधा मिल रही है उसमें भगवान महावीर अस्पताल (उत्तर-पश्चिम), गुरु गोविंद सिंह अस्पताल (पश्चिम), इंदिरा गांधी अस्पताल (दक्षिण-पश्चिम), पं. मदन मोहन मालवीय अस्पताल (दक्षिण), दीप चंद बंधु अस्पताल (उत्तर-पश्चिम), दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल (पश्चिम), महर्षि वाल्मीकि अस्पताल (उत्तर), लोक नायक अस्पताल (मध्य), राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (शाहदरा) और डॉ. हेडगेवार आरोग्य संस्थान (शाहदरा)।

जिन 6 अस्पतालों में 150 नई मशीनें लगाई जा रही हैं उसमें
डॉ. बाबा साहिब अंबेडकर अस्पताल (उत्तर-पश्चिम), जग प्रवेश चंद्र अस्पताल (उत्तर-पूर्व), बुराड़ी अस्पताल (मध्य), जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (पश्चिम), अंबेडकर नगर अस्पताल (दक्षिण), संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (उत्तर-पश्चिम)।

PMNDP के तहत आने वाले अस्पतालों में BPL कार्डधारी जिनकी आय 1 लाख रुपये से कम है के साथ PR और PRS श्रेणी के लाभार्थियों को डायलिसिस की सेवा पूरी तरह निःशुल्क मिलेगी।

वहीं जिन अस्पतालों में पीपीपी मॉडल के तहत मशीनें लगाई गई है उन अस्पतालों में दिल्ली के वे निवासी जो कम से कम तीन साल से रह रहे हैं एवं जिनके पास प्रमाण के रूप में आधार, वोटर ID, ड्राइविंग लाइसेंस, डोमिसाइल प्रमाणपत्र, पासपोर्ट, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड है और जिनकी वार्षिक आय 3 लाख तक है, वे निःशुल्क डायलिसिस के लिए पात्र होंगे।
सरकार इन सभी डायलिसिस सेंटरों पर रेडियोलॉजिस्ट, प्रशिक्षित तकनीशियन और सहायक स्टाफ की तैनाती भी सुनिश्चित कर रही है ताकि इलाज में कोई दिक्कत न हो।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य दिल्ली की स्वास्थ्य व्यवस्था को समावेशी, सुलभ और भविष्य के अनुरूप बनाना है — ऐसी व्यवस्था जो हर व्यक्ति तक आसानी से पहुंचे, सबको साथ लेकर चले और आने वाली पीढ़ियों की ज़रूरतों को भी पूरा कर सके। हमारा सपना है कि दिल्ली की हेल्थ सर्विसेज सिर्फ देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की बेहतरीन स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में शुमार हों।

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