जीरो वेस्ट और जीरो प्लास्टिक कैंपस के रूप में पूरे देश में आज IGDTUW जाना जाता है- आशीष सूद

Date:

  • IGDTUW ने दिल्ली के नरेला में 50 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर लिया है-

• दिल्ली में प्रीमियर महिला टेक कैंपस का रास्ता साफ हो गया-


• IGDTUW की छात्राओं को 100 फीसदी प्लेसमेंट मिल रहा है-

• संयोग है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री, तकनीकी शिक्षा निदेशक और इस विश्वविद्यालय की कुलपति सभी महिलाएं हैं-

नई दिल्ली। 1 मई 25 । दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद आज इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय (आईजीडीटीयूडब्ल्यू) के 13वें स्थापना दिवस समारोह और चौथे शोध उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। IGDTUW के उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी छात्रों, प्रोफेसर्स, रिसर्च करने वालों और टीचिंग स्टाफ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन का मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए अत्यंत गर्व और सम्मान का क्षण है कि मैं देश के इस प्रतिष्ठित संस्थान के 13वें स्थापना दिवस और पुरस्कार समारोह के ऐतिहासिक पल का गवाह बना हूं। आज का दिन मेरे लिए गर्व का विषय है। जिसके लिए मैं यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर प्रोफेसर रंजना झा, सेक्रेटरी, टेक्निकल एजुकेशन और समारोह में उपस्थित सभी लोगों का दिल से धन्यवाद देता हूं।
मंत्री महोदय ने कहा कि आज इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय (IGDTUW ) न केवल तकनीकी शिक्षा में देश का अग्रणी संस्थान बन गया है, बल्कि यह महिलाओं, देश की बेटियों के सशक्तिकरण, रिसर्च और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए अपने काम को लेकर एक मिशाल कायम कर रहा है। वर्ष 2013 में जब IGDTUW की जब स्थापना हुई थी, तो एक बहुत ही छोटे से कैंपस में हुई थी। आप लोग आज भी उसी वर्षो पुराने कैंपस में हैं। मैं इसे दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के जमाने से जानता हूं।
आज आपलोग भले ही वर्षों पुराने छोटे से कैंपस में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन यह छोटा सा वृक्ष आज वटवृक्ष बनकर पूरे देश और दुनिया में अपना नाम और पहचान कायम कर लिया है। आज इस यूनिवर्सिटी का नाम देश के सर्वश्रेष्ठ तकनीकि विश्वविद्यालय में शुमार होता है। यहां के छात्र, प्रोफेसर्स अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता, शोध में नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता के बल पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर रहे हैं। मैं इस यूनिवर्सिटी की तरक्की की राह में कदम से कदमताल करके चलने वाले सभी छात्राओं, उनके अभिभावक, प्रोफेसर और टीचिंग स्टाफ को भरोसा देता हूं हमारी सरकार हर कदम पर उऩके साथ खड़ी है।
आशीष सूद ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि आपने अपने जीवन में भी इस विश्वविद्यालय के चलाने के तरीकों को भी अपनाया है। आज यह विश्वविद्यालय जीरो वेस्ट और जीरो प्लास्टिक कैंपस के रूप में पूरे देश में जाना जाता है।

शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि मुझे यह जानकर बेहद खुशी महसूस हो रही है कि इंदिरा गांधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्वविद्यालय (आईजीडीटीयूडब्ल्यू) ने दिल्ली के नरेला के सेक्टर जी-2/जी-6 में 50 एकड़ भूमि को नए कैंपसे के लिए अधिग्रहित कर लिया है। यह भूमि आवंटन दिल्ली सरकार द्वारा नरेला में ‘एजुकेशन-सिटी’ विकसित करने के लिए निर्धारित 500 करोड़ रुपए के बजटीय प्रयास का हिस्सा है। IGDTUW का बहुप्रतीक्षित स्थाई परिसर मील का पत्थर साबित होगा। लगभग 50 एकड़ जमीन पर फैले नए परिसर की कल्पना ही प्रेरणादायक है। अब जब वहां छात्राएं पढ़ेंगी तो कह सकेंगी कि ‘जहां तक नजर जाए, वहां तक हमारी यूनिवर्सिटी है।’ नया कैंपस भविष्य में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और नवाचार में महिलाओं के लिए अवसरों का महत्वपूर्ण विस्तार करने के लिए तैयार हो रहा है। जो हमारी सरकार के समावेशी विकास , उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस भूमि के साथ IGDTUW न केवल भारत में, बल्कि विश्व स्तर पर महिलाओं के नेतृत्व वाले नवाचार, अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्टता में एक अग्रणी संस्थान बनेगा।

मंत्री ने कहा कि आज जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं मिशन बड़े जोर-शोर से चल रहा है। मेरा मानना है उस अभियाम से समाज में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है । देश के बहुत से राज्यों में जेंडर के अनुपात में परिवर्तन आया है। मेरा मानना है कि कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री मोदी के उस नारे का पूरे देश में असर पड़ा है। हर जगह पर जहां पर महिलाएं, जहां पर बेटियां आज काम करती हैं उसमें परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि मुझे आज यह जानकर बेहद खुशी मिल रही है कि हुई कि इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को न केवल 100 फीसदी प्लेसमेंट मिल रहा है। बल्कि दुनिया के बड़े-बड़े संस्थानों में काम करके देश का नाम रोशन कर रही है। यह विश्वविद्यालय देश की बेटियों को आत्म निर्भर बनाने का भी काम कर रहा है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि मैं आप सभी से आग्रह करना चाहता हूं कि अपने सपनों को हमेशा बड़ा रखें। सामने आने वाली चुनौतियों से कभी भी घबराएं नहीं, बल्कि उन्हें अवसर की तरह देखें। अपने जीवन में सीखने की जिज्ञासा और नई तकनीक जानने की ललक को कभी भी कम नहीं होने दें। क्योंकि यही वो चिंगारी है जो आपको एक दिन नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। जैसा कि देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जी ने कहा था कि “सपने वो नहीं होते हैं जो हम सोते समय देखते हैं, बल्कि सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते हैं।”

विश्वविद्यालय के चौथे शोध उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि बनकर पहुंचे
आशीष सूद ने 103 रिसर्च अवॉर्ड्स, 19 पेटेंट्स और नकद पुरस्कार प्राप्त करने वाले UG/PG छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि आज यूनिवर्सिटी लगभग 57 लाख रुपए नकद पुरस्कार बांट रही है। जो इस बात का साक्षी है कि जब परिश्रम, संकल्प और सही दिशा एक साथ मिल जाते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है। मैं आप सभी लोगों को एक बार फिर से दिल से बधाई देता हूं क्योंकि आपने कड़ी मेहनत करके एक लंबा और शानदार सफर तय किया है। लेकिन अभी भी आप सभी को शिखर पर पहुंचने के लिए कई मील तक चलना है। अनेक लक्ष्यों को जीवन में हासिल करना बाकी है। मैं दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और दिल्ली सरकार का शिक्षा मंत्री होने के नाते यह भरोसा देता हूं कि आप अपने क्षेत्र में उत्कृष्टता की जो यात्रा कर रहे हैं, उसमें हमारी सरकार पूर्ण रूप से आपके साथ हैं। हमारी सरकार का लक्ष्य है राजधानी दिल्ली को तकनीकी, स्किल, रिसर्च और स्टार्टअप के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाना है। यह तभी संभव हो सकता है जब आप जैसे युवा प्रतिभाएं पूरे जोश और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ें।
मंत्री महोदय ने कहा कि हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में हमारी पूरी सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। आपने मुझे यहां बुलाया और मुझे जो सम्मान दिया इसके लिए मैं आप सभी का हार्दिक धन्यवाद करता हूं। आखिर में मैं एक बार फिर से सभी रिसर्चर्स, पेटेंट होल्डर्स और छात्राओं को जिंदगी में कामयाबी के लिए फिर से शुभकामनाएं देता हूं।

इंदिरा गांधी दिल्ली महिला तकनीकी विश्वविद्यालय ने अपने विकास में एक बड़ी भूमिका निभाई है। आज देखिए कितना सुंदर संयोग है कि जब मैं यह बात कर रहा हूं, उस समय दिल्ली की मुख्यमंत्री भी एक महिला हैं, डायरेक्टर टेक्निकल एजुकेशन भी महिला हैं और इस विश्वविद्यालय की कुलपति भी एक महिला हैं। मुझे लगता है कि इस विश्वविद्यालय की प्रगति के लिए ईश्वर ने भी कोई विशेष योजना बनाई होगी, क्योंकि अब आप सभी लोग एक छोटे से कैंपस से आगे निकलकर एक बड़े भविष्य की ओर बढ़ने वाले हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related