- श्रमिक दिवस के अवसर पर करोल बाग में आयोजित श्रमिक सम्मान समारोह में शामिल हुई – सरकार श्रमिकों को दे रही है ₹10 लाख तक मुफ्त इलाज
- श्रमिकों के लिए दिल्ली में 100 अटल कैंटीन के द्वारा मिलेगा पौष्टिक भोजन की सुविधा
- श्रमिक बहनों के बच्चों के लिए दिल्ली में 500 पालना कक्ष खोले जाएंगे
नई दिल्ली। 1 मई 25। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज श्रमिक दिवस के अवसर पर राजधानी के करोल बाग में आयोजित श्रमिक सम्मान समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को बधाई देते हुए उनकी मेहनत, संघर्ष और योगदान को नमन किया। साथ ही उन्होंने श्रमिकों और उनके परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी भी दी। इस अवसर पर दिल्ली के कैबिनेट मंत्री कपिल मिश्रा और सांसद सुश्री बांसुरी स्वराज भी मौजूद रही।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बताया कि आज का यह दिन उन श्रमिकों को समर्पित है, जिनके श्रम और संकल्प से यह देश खड़ा है। मैं नमन करती हूँ उन श्रमिकों को, जिन्होंने ईंट पर ईंट रखकर इमारतें बनाई, खेतों में पसीना बहाकर अन्न उगाया, और जिनके परिश्रम से आज भारत विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। हमारे श्रमिक केवल श्रमिक नहीं हैं — वे हमारे राष्ट्र निर्माण की नींव हैं। उनके हाथों में सिर्फ औज़ार नहीं, बल्कि विकसित भारत का सपना और संकल्प भी है। श्रमिक दिवस पर मैं दिल्ली सरकार की ओर से समस्त श्रमिक भाई-बहनों को दिल से बधाई देती हूँ। आज का दिन हमें यह याद दिलाता है कि हर इमारत, हर सड़क, हर पुल और हर प्रगति की गाथा के पीछे श्रमिक की मेहनत, तपस्या और समर्पण छिपा होता है।
उन्होंने आगे बताया कि श्रमिक भारत के निर्माणकर्ता हैं, उनके बिना राष्ट्र की उन्नति अधूरी है। देशभर से लाखों श्रमिक भाई-बहन अपने परिवारों के साथ बेहतर भविष्य की उम्मीद लेकर राजधानी दिल्ली आते हैं। उनके मन में होता है कि यहाँ रोजगार, आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधाएं मिलेंगी। लेकिन पिछली सरकारों ने उनकी ज़रूरतों और सपनों को न तो समझा, न ही उनके लिए योजनाएं बनाई। लेकिन हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हम धन्यवाद करते है कि उन्होंने श्रमिकों के दर्द को समझा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब देश बदल रहा है। अब श्रमिकों को भी वही सम्मान, वही अधिकार और वही सुविधाएं मिलेंगी जो बाकी नागरिकों को मिलती हैं। श्रमिकों के हाथों से देश बनता है, और अब उन्हें उनका हक सम्मान और संवैधानिक अधिकारों के साथ मिलेगा |हमारी सरकार अब उस हर श्रमिक के अधिकार और सम्मान की रक्षा करेगी, जो अब तक उपेक्षित रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने दिल्ली सरकार द्वारा शुरू कि गई कई योजनाओ के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली के श्रमिकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत ₹10 लाख तक का निशुल्क इलाज मिलेगा। पूरे भारत के किसी भी सरकारी या निजी अस्पताल में आयुष्मान कार्ड के ज़रिए बिना खर्च के इलाज की सुविधा श्रमिकों को उपलब्ध होगी। साथ ही 70 वर्ष से ऊपर के नागरिकों के लिए ‘वय वंदना योजना’ शुरू की गई है। दिल्ली सरकार उनके इलाज, टेस्टिंग और दवाओं का पूरा खर्च वहन करेगी।
मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में अब तक श्रमिकों, गिग वर्कर्स, घरेलू सहायकों, टैक्सी और ऑटो चालकों जैसे मेहनतकश वर्ग के कल्याण के लिए कोई समर्पित व्यवस्था नहीं थी। लेकिन अब इन सभी वर्गों के लिए अलग-अलग ‘वेलफेयर बोर्ड’ गठित किए जाएंगे — श्रमिक कल्याण बोर्ड, गिग वर्कर बोर्ड, घरेलू सहायक बोर्ड, और टैक्सी-ऑटो ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड। अब इन सभी के कल्याण, सुरक्षा और अधिकारों की ज़िम्मेदारी दिल्ली सरकार की होगी। उन्होंने आगे बताया कि अक्सर हमारे श्रमिक भाई अपने परिवार से दूर, अकेले दिल्ली में रहकर काम करते हैं। उनके लिए भोजन और रहने की व्यवस्था भी एक चुनौती होती है। इसलिए, दिल्ली सरकार ने तय किया है कि पूरे शहर में 100 ‘अटल कैंटीन’ स्थापित की जाएंगी, जहाँ गरीबों को मात्र ₹5 में उन्हें पौष्टिक भोजन मिलेगा ।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ‘पालना योजना’ के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार उन मेहनतकश बहनों के लिए गंभीरता से काम कर रही है जो निर्माण स्थलों पर, घरों में, या अन्य किसी स्थान पर काम करती हैं और जिनके पास छोटे-छोटे बच्चे होते हैं। उन्होंने कहा कि संपन्न परिवारों की महिलाएं तो अपने बच्चों को क्रेच या प्ले स्कूल में भेज सकती हैं, लेकिन एक गरीब महिला के पास यह सुविधा नहीं होती। यदि वह अपने बच्चे की देखभाल के लिए घर पर रुकती है, तो उसकी कमाई रुक जाती है। इसी समस्या को हल करने के लिए दिल्ली सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष दिल्ली में 500 ‘पालना केंद्र’ स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों में बच्चों की देखभाल प्रशिक्षित आया बहनों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और अन्य महिला कर्मचारियों द्वारा की जाएगी। उन्हने बताया कि यह पहल न केवल माताओं को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उनके बच्चों की सुरक्षा और देखभाल भी सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि एक नई योजना के तहत अब दिल्ली सरकार हर वर्ष श्रमिकों और उनके परिवारजनों की नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच कराएगी। उन्होंने कहा कि हमारे श्रमिक अक्सर कठिन परिस्थितियों और जोखिमपूर्ण माहौल में काम करते हैं, जिससे उन्हें कई बार गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ता है। अब सरकार उनके स्वास्थ्य की पूरी जिम्मेदारी उठाएगी। साथ ही तेज़ गर्मी को ध्यान में रखते हुए दोपहर 12 से 3 बजे तक के समय में श्रमिकों को विश्राम देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, ताकि उन्हें भीषण गर्मी में काम करने के लिए मजबूर न होना पड़े। इसके लिए अडवाइज़री जारी की गई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से ही श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की है |जिससे अब सभी श्रमिकों को उसका सीधा लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने श्रमिक दिवस के अवसर पर श्रमिक भाई-बहनों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार आपकी समस्याओं को दूर करने के लिए आपके बीच रहकर काम कर रही है। अब यह सरकार “ट्रिपल इंजन ” के साथ काम कर रही है—हर योजना का सीधा लाभ आमजन, गरीब और श्रमिक परिवारों तक पहुंचे, यही हमारा संकल्प है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार न केवल श्रमिकों के अधिकारों और वेतन का ध्यान रख रही है, बल्कि कार्यस्थलों पर महिला श्रमिकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्यस्थलों पर सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। इसके साथ ही, भीषण गर्मी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने दिल्ली की सड़कों पर श्रमिकों और आम जनता के लिए पीने के पानी की समुचित व्यवस्था के लिए दिल्ली में 3000 वाटर कूलर लगाने कि योजना पर तेजी से कार्य हो रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब दिल्ली में श्रमिकों को वह अधिकार और सम्मान मिलेगा जिसके वे वास्तविक हकदार हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और हमारी सरकार मिलकर श्रमिक हितों की रक्षा के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी श्रमिकों को अपने ‘परिवार’का हिस्सा बताते हुए यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार अब हर नीतिगत निर्णय में श्रमिकों को प्राथमिकता देगी।
इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने कहा, “सात साल बाद इस तरह का भव्य आयोजन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में दिल्ली सरकार ने श्रमिकों के सम्मान में आयोजित किया है। पिछली सरकारों ने गरीबों और श्रमिकों को अनदेखा किया, लेकिन हमारी सरकार ने श्रमिकों को सम्मान देकर उन्हें प्रगतिशील दिल्ली का अभिन्न अंग माना है। दिल्ली सरकार ने पिछले दो महीनों में वह सब किया, जिसके लिए दिल्ली 27 साल से तरस रही थी। जनता की समस्याओं के समाधान के लिए हमारी सरकार 24 घंटे प्रयासरत रहती है। हाल ही में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्गों के लिए ‘आयुष्मान वय वंदना’ योजना शुरू की, जिसके तहत राष्ट्रीय राजधानी के वरिष्ठ नागरिकों को 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध होगा। इसके साथ ही, हमारी सरकार ने श्रमिकों के लिए एक और ठोस निर्णय लिया, जिसके तहत न्यूनतम मजदूरी दरों में वृद्धि की गई। इस कदम से दिल्ली देश के उन चुनिंदा राज्यों में शामिल हो गया है, जो सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी प्रदान करते हैं।