विजेंद्र गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली विधानसभा के लिए ई-लाइब्रेरी की स्थापना हेतु अहम बैठक सम्पन्न

Date:

  • परंपरा से परिवर्तन की ओर: दिल्ली विधानसभा पुस्तकालय डिजिटल भविष्य की ओर अग्रसर
  • प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञों ने पुस्तकालय के डिजिटलीकरण पर साझा किए सुझाव

नई दिल्ली । 1 मई 25 । आधुनिकीकरण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आज दिल्ली विधानसभा सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता माननीय अध्यक्ष, दिल्ली विधान सभा विजेंद्र गुप्ता ने की। बैठक का उद्देश्य दिल्ली विधान सभा के पारंपरिक पुस्तकालय को अत्याधुनिक ई-लाइब्रेरी में परिवर्तित करने की दिशा में ठोस रणनीति तैयार करना था। यह परिवर्तन उन्नत आईटी अवसंरचना, आधुनिक उपकरणों और नवीन सॉफ़्टवेयर समाधानों के माध्यम से किया जाएगा। संसद सचिवालय ने इस डिजिटल परिवर्तन में सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है। बैठक में माननीय उपाध्यक्ष श्री मोहन सिंह बिष्ट भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर माननीय अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि विभिन्न हितधारक इस साझा उद्देश्य की प्राप्ति में सकारात्मक योगदान देंगे।

अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस पहल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ई-लाइब्रेरी की स्थापना न केवल अमूल्य अभिलेखीय सामग्रियों के संरक्षण में सहायक होगी, बल्कि इससे विधायी अनुसंधान को बल मिलेगा तथा जानकारी तक निर्बाध और त्वरित पहुंच सुनिश्चित होगी। यह कदम विधान सभा की कार्यक्षमता, पारदर्शिता एवं सतत विकास में सहायक सिद्ध होगा।

दिल्ली विधानसभा पुस्तकालय का एक समृद्ध ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य रहा है। इसकी स्थापना 1952 में प्रथम विधानसभा के गठन के साथ हुई थी। राज्य पुनर्गठन के बाद 1958 में इसका संचालन स्थगित कर दिया गया था। बाद में इसे दिल्ली प्रशासन सचिवालय के अंतर्गत लाया गया, और 1989 में इसका प्रशासनिक नियंत्रण मेट्रोपोलिटन काउंसिल विभाग को सौंपा गया। 1993 में दिल्ली विधानसभा के पुनर्गठन के पश्चात इसे ‘दिल्ली विधानसभा पुस्तकालय’ का नाम दिया गया। वर्तमान में इस पुस्तकालय में 40,000 से अधिक दस्तावेजों का अमूल्य संग्रह मौजूद है, जो विधायी प्रक्रियाओं को जानकारीपूर्ण बनाने में सहायता करता है।

इस बैठक में देश के प्रमुख अकादमिक और प्रशासनिक संस्थानों के विशेषज्ञों ने भाग लिया और पुस्तकालय के डिजिटलीकरण की दिशा में मूल्यवान सुझाव साझा किए। प्रतिभागियों में शामिल थे: श्री एच. सैक्होलियन सिमटे (निदेशक, लोक सभा सचिवालय), डॉ. कुमार संजय (निदेशक, पुस्तकालय, नीति आयोग), डॉ. प्रवीण बब्बर (पुस्तकालयाध्यक्ष, जेएनयू), डॉ. ई. राजलक्ष्मी (पुस्तकालयाध्यक्ष, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा), प्रीतम सिंह (कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी), एस. एस. भदौरिया (कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी) एवं के. के. सिंह (पर्यवेक्षण अभियंता, केंद्रीय एवं उत्तर मंडल (विद्युत), पीडब्ल्यूडी)।

इन विशेषज्ञों ने पुस्तकालय के डिजिटलीकरण में सर्वोत्तम प्रथाओं, मेटाडेटा के प्रभावी उपयोग, आधुनिक पुस्तकालय प्रबंधन प्रणालियों के एकीकरण और उपयोगकर्ता-अनुकूल सुविधाओं पर अपने सुझाव साझा किए। जेएनयू, संसद पुस्तकालय और एनएसडी के पुस्तकालयाध्यक्षों ने ई-ग्रंथ माला प्लेटफ़ॉर्म के साथ अपने अनुभव साझा किए। संसद पुस्तकालय के निदेशक ने बताया कि वर्ष 1947 से प्रकाशित सभी समाचार पत्र डिजिटलीकृत रूप में उपलब्ध हैं।

डॉ. प्रवीण बब्बर ने बताया कि जेएनयू पुस्तकालय में 6 लाख से अधिक पुस्तकें और 8 लाख समाचार क्लिपिंग्स पहले ही डिजिटलीकृत की जा चुकी हैं। डॉ. ई. राजलक्ष्मी ने अवगत कराया कि एनएसडी का सम्पूर्ण नाट्य-सामग्री संग्रह भी पूरी तरह से डिजिटलीकृत हो चुका है।

दिल्ली विधानसभा ने यह दोहराया कि वह अत्याधुनिक तकनीकों के उपयोग के माध्यम से एक सशक्त, समावेशी एवं डिजिटल रूप से ज्ञान उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे न केवल विधायकों को बल्कि आम नागरिकों को भी लाभ होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related