डीएवी संस्था राष्ट्र निर्माण, शिक्षा और संस्कृति के समन्वय की मिसाल है – रेखा गुप्ता

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  • डीएवी संस्था का शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान
  • डीएवी कॉलेज समिति के “संकल्प से सिद्धि – नया सत्र, नई ऊर्जा”कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में हुई शामिल

नई दिल्ली, 7 अप्रैल 2025 । मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता आज डीएवी कॉलेज प्रबंधक समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम “संकल्प से सिद्धि – नया सत्र, नई ऊर्जा” में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुई। इस अवसर पर सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि डीएवी संस्था शिक्षा, संस्कार और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को ऊर्जा देने वाली एक ऐसी संस्था है , जो विद्यार्थियों में ज्ञान के साथ-साथ संवेदनशीलता और सामाजिक ज़िम्मेदारी कि भावना को भी उजागर करती है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने डीएवी संस्थान की 140 वर्षों की गौरवपूर्ण परंपरा की सराहना करते हुए इसे “व्यक्तित्व निर्माण की प्रयोगशाला” करार दिया। उन्होंने कहा कि महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती के वैदिक सिद्धांतों व आदर्शों पर आधारित 1886 में स्थापित डीएवी संस्थान आधुनिक ज्ञान और प्राचीन वेदों का सुंदर समन्वय प्रस्तुत करती है, जिसने शिक्षा को केवल अकादमिक उपलब्धि न मानकर राष्ट्र के चरित्र निर्माण का माध्यम बनाया है। यह संस्था शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र निर्माण हेतु वैचारिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों को सशक्त रूप से संजोए हुए है। देशभर में 1000 से अधिक स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से 23 राज्यों में शिक्षा का दीप जलने वाली यह संगठन न केवल अकादमिक उत्कृष्टता, बल्कि नैतिक मूल्यों, राष्ट्रभक्ति और समग्र व्यक्तित्व विकास पर भी बल देती है, जिससे विद्यार्थियों को जिम्मेदार और संस्कारित नागरिक बनाने का कार्य किया जा रहा है।
इस प्रतिष्ठित संस्था से शिक्षा प्राप्त करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी—लाला लाजपत राय, भगत सिंह और चंद्रशेखर आज़ाद से लेकर, अटल बिहारी वाजपेयी और महेंद्र सिंह धोनी जैसी विशिष्ट हस्तियों ने न केवल देश में, बल्कि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है। इन प्रतिभाओं का योगदान समाज और राष्ट्र दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘विकसित भारत 2047’ का सपना लेकर राष्ट्र को अग्रसर कर रहे हैं, ऐसे में डीएवी जैसी संस्थाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। डीएवी संस्था न केवल ज्ञान का केंद्र है, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रयोगशाला भी है।
दिल्ली सरकार की शिक्षा-नीति की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस वर्ष के बजट का 19.29% भाग शिक्षा को आवंटित किया गया है। दिल्ली सरकार समग्र शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कृतसंकल्पित है। हमारी सोच में शिक्षा केवल अकादमिक सफलता का माध्यम नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की मजबूत आधारशिला है। सरकार का लक्ष्य ऐसे छात्रों का निर्माण करना है जो न केवल ज्ञान में दक्ष हों, बल्कि उत्तम चरित्र, संवेदनशील सोच और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना से भी युक्त हों।
कार्यक्रम का समापन करते हुए मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनों को यह संकल्प लेने का आह्वान किया कि हम शिक्षा के माध्यम से न केवल अपने जीवन को, बल्कि देश के भविष्य को भी उज्ज्वल बनाएँगे I

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